Meningitis : मेनिनजाइटिस मस्तिष्क की मेनिनजेस में होने वाला एक गंभीर संक्रमण होता है, जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और परजीवी के कारण होता है, इलाज न होने पर या काफी गंभीर रूप ले सकता है. मेनिनजेस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढकने वाली एक झिल्ली(membrane) को कहते हैं.
मेनिनजेस हमारे मस्तिष्क और रीड की हड्डी को आघात से बचते हैं और उन्हें सपोर्ट देने का काम करते हैं इनमें तांत्रिकाएं रक्त कोशिकाएं और जरूरी द्रव्य भरे होते हैं. संक्रमण से फैलने वाली बीमारियां और बिना संक्रमण के भी होने वाली बीमारी जैसे कि कैंसर, सर की चोट से भी मेनिनजाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है.
मेनिनजाइटिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है लेकिन यह सामान्य रूप से शिशुओं में छोटे बच्चों में किशोरावास्था में और जवान वयस्कों में ज्यादा देखा गया है.
Meningitis : मेनिनजाइटिस के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं
- बुखार
- तेज सिर में दर्द
- उल्टियां करना
- गर्दन में अकड़न
- भ्रम होना
- चेहरे पर सुन्नपन होना
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- पेट में दिक्कतें
- तंद्रा
- भूख न लगना
Meningitis : मेनिनजाइटिस से कैसे करें बचाव?
- मेनिनजोकोकल बीमारी, न्यूमोकोकल बीमारी, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा सिरोटाइप बी (Hib) और ट्यूबरक्लोसिस (TB) के लिए लगने वाले वैक्सीनेशन समय पर लगवा कर मेनिनजाइटिस से बचा जा सकता है. इस तरह की बैक्टीरियल संक्रमण मेनिनजाइटिस का खतरा पैदा करते हैं.
- चिकन पॉक्स, इन्फ्लूएंजा, मीजल्स, और मंप्स संक्रमण की वैक्सीन लेने से यह आपको वायरल इनफेक्शन से होने वाली मेनिनजाइटिस से बचाते हैं.
- इसके अतिरिक्त डॉक्टर द्वारा सुझाई गई प्रोफिलैक्टिक एंटीबायोटिक्स आपको मेनिनजाइटिस के हाई रिस्क वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाती है.
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Meningitis : कुछ और जरूरी बचाव के नियम
- हाथ को साबुन और पानी से धोते रहना चाहिए, खास करके शौच के बाद और खाने से पहले
- छींकने और खांसने से पहले अपने मुंह को ढकना
- आसपास की काम की वस्तुओं को साफ रखना
- अगर आपको कोई संक्रमण है तो लोगों से दूर रहना चाहिए और अगर किसी और को ऐसी कोई समस्या है तो उससे अपना बचाव करना चाहिए
- सर्दी जुकाम या संक्रमण से फैलने वाली बीमारी होने पर मास्क का उपयोग करना चाहिए और अपनी झूठी बर्तन या खाना बांटकर नहीं खाना चाहिए
- गंदे पानी में तैरना या फिर पीना अवॉइड करना चाहिए
- भोजन बनाने की प्रक्रिया में साफ सफाई बरतनी चाहिए और उसको गंदा होने से बचने के लिए साफ-सुथरी और ठंडी जगह पर स्टोर करना चाहिए
- सब्जी और फलों को अच्छे से धोकर इस्तेमाल करना चाहिए
- किसी भी कीड़े मकोड़े के काटने पर तुरंत जगह को साफ करके दवाई लगानी चाहिए
- बाहर निकलने पर फुल आस्तीन के कपड़े पहनना चाहिए और
- मच्छर के काटने से खुद का बचाव करना चाहिए
- अगर आप प्रेग्नेंट है तो अपने खान-पान का ध्यान रखें और मां और बच्चे को संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी जांच करवाते रहें
- यात्रा करते वक्त उसे जगह के मौसम और पर्यावरण के बारे में जान लेना चाहिए,संक्रमण से बचाव के लिए यह जरूरी होता है.
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क्या मेनिनजाइटिस से जान जाने का डर होता है?
मेनिनजाइटिस से बचा जा सकता है लेकिन यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी होती है और इसका तुरंत इलाज कराना आवश्यक होता है. बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस को मेनिनजाइटिस का सबसे खतरनाक प्रकार माना जाता है, इसका सर्वाइवल रेट 90% की लगभग होता है.
Meningitis : क्या मेनिनजाइटिस जानलेवा होता है?
बैक्टीरिया से होने वाला मेनिनजाइटिस कुछ स्थितियों में सेप्सिस (ब्लड इनफेक्शन) में बदल जाता है. इस स्थिति में शरीर के जरूरी वाईटल्स, टिशु और कोशिकाओं में भी इंफेक्शन फैल जाता है और इससे जान को भी खतरा हो सकता है. इससे बुरी स्थिति में शरीर के आंतरिक अंग काम करना बंद कर देते हैं और कुछ स्थितियों में उंगलियां, अंगूठे और हाथ- पैर भी काटने पड़ जाते हैं.