असहाय व्यक्ति को परेशान करते हैं तो उसकी हाय लगती है. यह हाय आपके जीवन में कई सारी परेशानी लेकर आती है.
Kya Sach me Lagti Hai Haaye : प्राचीन काल से लोकमान्यता चली आ रही है कि जब आप किसी का दिल दुखाते हैं या गरीब अथवा असहाय व्यक्ति को परेशान करते हैं तो उसकी हाय लगती है. यह हाय आपके जीवन में कई सारी परेशानी लेकर आती है. कई लोग इसे बद्दुआ भी कहते हैं और इसके परिणामों से डरते भी हैं. लेकिन, क्या वाकई में हाय या बद्दुआ होती है? और यह सच में किसी को लगती है? या सिर्फ यह कहने सुनने की बातें भर हैं. हालांकि, पंडित जी कहते हैं कि इससे जुड़ी कई बातें धर्मशास्त्रों में भी मिलती हैं. तो आइए जानते हैं हाय की सच्चाई भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
हाय क्या होती है ?
बद्दुआ या हाय का को सीधे शब्दों में कहें तो ऐसी वाणी जो किसी के अंतरमन से दुखी होकर निकलती है और कई बार तो बिना बोले मन में ही किसी के प्रति शब्द बोले जाते हैं ये कड़वे शब्द ही हाय कहलाते हैं.
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क्या सच में लगती है हाय
अब सवाल यह मन में आता है कि क्या वाकई में हाय या बद्दुआ लोगों को आज भी लगती है. इसको लेकर धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि, किसी के द्वारा हाय के रूप में निकले शब्द धर्म संगत हैं. वहीं किसी को हाय देना भी सही नहीं माना गया है. क्योंकि, प्राचीन काल जैसे रामयण या महाभारत के समय जब लोग किसी को हाय देते थे तो इसे श्राप के रूप में देखा जाता था. श्राप का जितनी जगह भी उल्लेख मिलता है उसकी कहानियां पढ़ने के बाद कहा जा सकता है कि श्राप को ही आज के समय में हाय कहा गया है.
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कब लगती है किसी की हाय?
जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को इस हद तक परेशान करे कि उसकी सारी सीमाएं ही लांघ जाए तो सामने वाले की आत्मा को कष्ट पहुंचता है और जब वह उस परिस्थिति में कुछ करने योग्य नहीं रहता तो उसके अंतरमन से कुछ अपशब्द या नकारात्मक वाणी निकलती है और इसी को हाय कहा गया है. धर्म के अनुसार, ऐसे व्यक्ति की हाय किसी को भी लग सकती है लेकिन यदि किसी को आप परेशान कर रहे हैं और आप ही उसे हाय दे रहे हैं तो वह नहीं लगती.
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 18:41 IST