Stock Market: 4 जून 2024 को लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन घरेलू शेयर बाजार में आए भूचाल की वजह से निवेशकों के 31 लाख करोड़ रुपये डूब गए थे. इसके बाद 5, 6 और 7 जून 2024 के तीन कारोबारी सत्र में निवेशकों के 28.65 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी तो हुई है, लेकिन 2.35 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी होना अभी बाकी है. हालांकि, इन तीन कारोबारी सत्रों में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 4,614.31 अंक बढ़कर रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया, मगर निवेशक अब भी नुकसान में चल रहे हैं.
एक ही दिन में निवेशकों के डूब गए थे 31 लाख करोड़
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, लोकसभा चुनाव की मतगणना में केंद्र में सत्तासीन भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की वजह से 4 जून 2024 मंगलवार को शेयर बाजार क्रैश कर गया था. बताया जा रहा है कि इस दिन बाजार में करीब 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. शेयर बाजार की इस भारी गिरावट में निवेशकों के करीब 31 लाख रुपये से अधिक की पूंजी डूब गई. हालांकि, उसके अगले ही दिन यानी 5 जून 2024 से बाजार ने सुधार का रुख पकड़ा और सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार तक उसमें तेजी बनी रही.
28.65 लाख करोड़ रुपये की हुई रिकवरी
शेयर बाजार में उल्लेखनीय सुधार से बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मार्केट कैप तीन कारोबारी सत्रों में 28,65,742.36 करोड़ रुपये बढ़कर 4,23,49,447.63 करोड़ रुपये (5.08 लाख करोड़ डॉलर) हो गया. शुक्रवार को कारोबार के दौरान बीएसई का 30 शेयरों का सेंसेक्स 1,720.8 अंक यानी 2.29 फीसदी चढ़कर 76,795.31 के अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया. बाद में यह पिछले सत्र से 1,618.85 अंक यानी 2.16 फीसदी की बढ़त के साथ 76,693.36 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ.
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बाजार को मिला आरबीआई और सरकार का सपोर्ट
बाजार विशेषज्ञों की मानें, तो सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार 7 जून 2024 को शेयर बाजार को आरबीआई और सरकार का सपोर्ट मिला, जिसकी वजह से वह ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को अपनी प्रमुख ब्याज दरों को अपेक्षा के अनुरूप 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा. इसके साथ ही, उसने मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित रखा, जिससे नई मोदी सरकार को सुधारों के लिए गुंजाइश मिलने की संभावना है. उधर, केंद्र में नई सरकार के गठन के लिए एनडीए ने बैठक करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुन लिया. इससे उनके तीसरे टर्म में भी देश का प्रधानमंत्री बनना तय हो गया. इन दोनों कारकों ने शेयर बाजार की अवधारणा को बदल दिया और निवेशकों में उत्साह का माहौल बन गया.
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