UTI Vs Vaginosis : यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और वेजाइनोसिस दोनों ही बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण है लेकिन यह शरीर के अलग-अलग भागों में होते हैं और उनके लक्षण भी अलग होते हैं. बैक्टीरियल वेजाइनोसिस (BI) प्राथमिक रूप से वैजाइना में होता है जिसके परिणाम स्वरुप वजाइना से असामान्य डिस्चार्ज और दुर्गंध आती है जबकि (UTI) यूरिनरी ट्रैक्ट पर असर डालता है जिसे पेशाब नली में दर्द एवं जलन की समस्या हो सकती है. हालांकि बीवी (BV)और यूटीआई (UTI) दोनों ही असहजता और दर्द का कारण होता है इसीलिए इन्हें चिकित्सीय इलाज की जरूरत होती है. चलिए इन दोनों समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते हैं.
UTI Vs Vaginosis : क्या होता है UTI ?
यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन यूरिनरी सिस्टम का संक्रमण होता है जो किडनी, ब्लैडर, यूरेटर्स और यूरेथ्रा को भी प्रभावित करता है. UTI में बैक्टीरिया पेशाब नली के रास्ते से यूरेथ्रा में चला जाता है जिसकी वजह से समस्याएं पैदा होने लगती हैं. इसके कुछ मुख्य लक्षण है पेशाब करने की तीव्र इच्छा,पेशाब करते वक्त जलन, गाढ़ा पेशाब या पेशाब से खून आना.
UTI Vs Vaginosis : यूटीआई होने के कारण और उसके लक्षण
यूटीआई यानी कि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है. यूटीआई में सबसे आम पाया जाने वाला बैक्टीरिया होता है ई कोलाई ( E Coli )जो हमारे पाचन नली में पाया जाता है. हांलांकि बाहरी बैक्टीरिया भी यूटीआई का एक मुख्य कारण हो सकते हैं. इसके कुछ आम लक्षण है :
- पेशाब करते वक्त दर्द या अजीब सी सेंसेशन
- पेशाब करने की तीव्र इच्छा और
- पेशाब जल्दी-जल्दी करने की इच्छा होना
- पेशाब गाढ़ी होना या उससे तेज दुर्गंध आना
- हर वक्त थकान और चक्कर आना
- तेज बुखार और ठंड लगना
UTI Vs Vaginosis : यूटीआई के रिस्क फैक्टर
- महिलाओं में मूत्र मार्ग छोटा होने के कारण बैक्टीरिया के लिए मूत्र नली में घुसाना आसान हो जाता है जिससे महिलाओं में यह इंफेक्शन होने का दर बढ़ जाता है.
- ऊटी में इन्फेक्शन यौन संबंध बनाने से भी हो सकता है अगर दोनों में से किसी एक ने भी साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा है तो यह हो सकता है.
- यूरिनरी ट्रैक्ट की बनावट में दिक्कत आने से भी यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया का प्रवेश करना काफी आसान हो जाता है और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है .
- अस्पताल में जो मेरीज अपने आप सेपेशाब करने के लिए उठ बैठ नहीं सकते हैं उनके लिए कैथेटर का इस्तेमाल किया जाता है और इसके बार-बार इस्तेमाल करने से भी यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
- महिलाएं जिनके इम्यून सिस्टम कमजोर होते हैं या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इन्हें भी यूटीआई होने का खतरा काफी ज्यादा रहता है.
ध्यान रखें कि जरूरी नहीं या लक्षण सभी ऊटी के मरीजों में दिखे कुछ मरीजों में ऊटी के कोई भी लक्षण नहीं दिखते हैं इसीलिए अगर आपको लगता है कि आपको यूटीआई इन्फेक्शन हो गया है तो तुरंत चिकित्सक का परामर्श लें.
UTI Vs Vaginosis : यूटीआई को पता लगाने का तरीका और इलाज
यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शंस को यूरीन कल्चर , यूरीन डीप स्टिक , और चिकित्सकों द्वारा फिजिकल एग्जामिनेशन से पता लगाया जा सकता है. इसका इलाज होता ज्यादातर चिकित्सकों द्वारा दी गई एंटीबायोटिक से होता हैएंटीबायोटिक के भीसाइड इफेक्ट्स होते हैं जैसे की उल्टी होनाऔर जुकाम या बुखारइसके अलावाऊटी मेंज्यादा से ज्यादा द्रव्य पदार्थ का सेवन करने से भी या ठीक किया जा सकते हैं. यूटीआई बढ़ जाने पर काफी खतरनाक रूप भी ले सकते हैं
UTI Vs Vaginosis : क्या होता है बैक्टीरियल वेजाइनोसिस ?
बैक्टीरियल वेजाइनोसिस स्त्रियों में होने वाला एक आम संक्रमण है जो की योनि में होता है.यह योनि में बैक्टीरिया के संतुलन की वजह से होता है.यह संक्रमण यौन संबंध बनाने से नहीं फैलता है बल्कि योनि में पहले से मौजूद बैक्टीरिया के बढ़ जाने की वजह से होता है बैक्टीरियल वेजाइनोसिस के कुछ आम लक्षण होते हैं .योनि से सफेद रंग का गाढ़ा डिस्चार्ज, जननांग में खुजली, और तेज दुर्गंध आना.
UTI Vs Vaginosis : : बी वी होने के कारण एवं लक्षण
आमतौर पर वेजिना में अच्छे और बुरे दोनों ही बैक्टीरिया पहले से मौजूद होते हैंइसी प्रकार जब वेजिना मेंबुरे बैक्टीरियाज्यादा बढ़ जाते हैं तो यह बैक्टीरिया वजह नोटिस का कारण बनते हैंइस तरह के उन संतुलनके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कीटचिंग जिसका मतलब होता है बार-बार वेजिना को किसी लिक्विड से धोना सुगंधित पदार्थ का इस्तेमालया फिरएक से अधिकव्यक्ति से यौन संबंध बनाना. बी वी के लक्षण है :
- सफेद या खाकी रंग का असामान्य डिस्चार्ज होना
- योनि से तेज दुर्गंध आना
- पेशाब करते वक्त तेज जलन महसूस होना
- जननांग में खुजली और इरिटेशन होना
- संभोग करते वक्त असामान्य रूप से दर्द होना
UTI Vs Vaginosis : बीवी होने के रिस्क फैक्टर्स
- नए व्यक्ति से यौन संबंध बनाना
- एक से अधिकव्यक्ति से यौन संबंध बनाना
- डचिंग या योनि को बार-बार धोना
- सुगंधित पदार्थ का जननांग में इस्तेमाल करना
- पहले से बैक्टीरियल वेजाइनोसिस होना
- कुछ एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करना
UTI Vs Vaginosis : बैक्टीरियल वैजीनोसिस को पता लगाने का तरीका और इलाज
बैक्टीरियल वेजिनसेस को पता लगाने के लिए वेजाइनल स्वैब टेस्ट , pH टेस्टिंग और माइक्रोस्कोपिक एग्जामिनेशन की मदद ली जा सकती है. इसका इलाज है चिकित्सकों द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक और जैल जिसे वैजाइना में डायरेक्ट इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि बैक्टीरियल वेजाइनोसिस में एंटीबायोटिक का रेजिस्टेंस डेवलप करना काफी आम होता है और इनके इस्तेमाल के बावजूद भी कई औरतों में इसके दोबारा होने की 50% संभावना होती है. औरतें इलाज के बाद भी 1 साल के अंदर बैक्टीरियल वेजाइनोसिस की समस्या महसूस कर सकती हैं. इनएंटीबायोटिक केद साइड इफेक्ट होते हैं जैसे की जुकाम, उल्टी और डायरिया.