Wi-Fi सरकार ने हाल ही में एक नया नियम अधिसूचित किया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि उड़ान के दौरान वाई-फाई द्वारा इंटरनेट सेवाओं का लाभ केवल एक निश्चित ऊंचाई पर पहुँचने के बाद ही लिया जा सकता है. इसके अनुसार, उड़ान के दौरान यात्रियों को इंटरनेट का उपयोग तभी संभव होगा जब विमान 3,000 मीटर (या लगभग 10,000 फीट) की ऊंचाई पर पहुँच जाएगा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग की अनुमति मिल जाएगी.
ये नियम 2018 में लागू किए गए उड़ान और समुद्री संपर्क कानून के तहत आते हैं, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि विमान के भारतीय हवाई क्षेत्र में 3,000 मीटर से नीचे मोबाइल संचार सेवाओं का उपयोग न किया जाए. ऐसा स्थलीय मोबाइल नेटवर्क में हस्तक्षेप से बचने के उद्देश्य से किया गया है ताकि जमीन पर मौजूद मोबाइल नेटवर्क पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े.
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इस अधिसूचना के अनुसार, विमान के 3,000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद ही वाई-फाई के जरिये इंटरनेट सेवाएं चालू होंगी. उड़ान और समुद्री संपर्क (संशोधन) नियम, 2024 के नाम से इस नए नियम को अधिसूचित किया गया है, जिसमें मुख्य बिंदु यह है कि भारतीय हवाई क्षेत्र में उड़ान के दौरान इंटरनेट सेवा उपयोग के लिए यह ऊंचाई सीमा निर्धारित की गई है.
इस नियम का उद्देश्य सुरक्षित और सुचारू इंटरनेट सेवा प्रदान करना है ताकि उड़ान के दौरान नेटवर्क हस्तक्षेप न हो और यात्रियों को एक नियंत्रित और व्यवस्थित इंटरनेट सेवा अनुभव मिल सके.
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