Saturday, October 19, 2024
HomeReligionइंदिरा एकादशी के दिन पढ़ें यह व्रत कथा, पूजा से पितर पाएंगे...

इंदिरा एकादशी के दिन पढ़ें यह व्रत कथा, पूजा से पितर पाएंगे मोक्ष, देखें मुहूर्त और पारण समय

इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर शनिवार को रखा जाएगा. अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत होता है. पौराणिक कथा के अनुसार, जो व्य​क्ति इंदिरा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मृत्यु के बाद उसे भी स्वर्ग लोक में स्थान मिलता है. यदि आप अपने पितरों को तृप्त करके मोक्ष दिलाना चा​हते हैं तो आपको विधि विधान से इंदिरा एकादशी का व्रत करना चाहिए. पूजा के समय इंदिरा एकादशी की व्रत कथा जरूर पढ़ें. इससे व्रत पूर्ण होगा और पुण्य लाभ भी प्राप्त होगा. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं इंदिरा एकादशी की व्रत की कथा.

इंदिरा एकादशी व्रत कथा
कथा के अनुसार, एक बार युधिष्ठिर ने भगवान ​श्रीकृष्ण से अश्विन कृष्ण एकादशी व्रत की महिमा बताने का निवेदन किया. इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि इसे इंदिरा एकादशी के नाम से जानते हैं, जो पापों को नष्ट करके पितरों को मुक्ति प्रदान करता है. इतना ही नहीं, जो केवल इंदिरा एकादशी की व्रत ​कथा को सुन लेता है, उसे वाजपेय यज्ञ कराने के बराबर फल प्राप्त होता है. इस व्रत की कथा कुछ इस प्रकार से है-

यह भी पढ़ें: नवरात्रि पर करनी है कलश स्थापना और नवदुर्गा पूजा? नोट कर लें पूजन सामग्री, पहले दिन न हो कोई कमी

सतयुग में महिष्मति नगर पर राजा इंद्रसेन का शासन था. उसका राज्य हर प्रकार के सुख और सुविधाओं से भरा था. धन और धान्य की कोई कमी नहीं थी. एक दिन नारद जी इंद्रसेन के राजदरबार में प्रकट हुए. देवर्षि को देखकर राजा ने उनका आदर सत्कार किया और उनके आने का कारण जानना चाहा. इस पर नारद जी ने कहा कि वे यमलोक गए थे, जहां पर तुम्हारे पिता से मुलाकात हुई थी. उन्होंने तुम्हारे लिए कुछ संदेशा भेजा है.

नारद जी ने इंद्रसेन को बताया कि वे एकादशी का व्रत करते थे, किसी कारणवश उसमें विघ्न पड़ गया था. उसकी वजह से उनको यमलोक में यमराज के निकट समय काटना पड़ रहा है. यदि तुम चाहो तो इंदिरा एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करो, जिससे उनको मुक्ति मिल सकती है और वे स्वर्ग में स्थान प्राप्त कर सकते हैं.

इतना सुनकर राजा इंद्रसेन ने नारद जी से कहा कि आप इंदिरा एकादशी की व्रत विधि बताएं. उसके अनुसार ही वह व्रत करेगा. इस पर नारद मुनि ने कहा कि इंदिरा एकादशी के दिन तुम स्नान के बाद अपने पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कार्य करो. वहां पर भगवान शालिग्राम की मूर्ति जरूर रखना. उसके बाद ब्राह्मण भोज कराओ, दान और दक्षिणा दो. गाय को भी भोजन का कुछ अंश खिला दो.

यह भी पढ़ें: साल का अंतिम सूर्य ग्रहण इन 6 राशिवालों के लिए शुभ, खुलेंगे उन्नति के द्वार, सफलता चूमेगी कदम!

इसके बाद तुम भगवान ऋषिकेष की पूजा फूल, अक्षत्, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि से करो. रात के समय में जागरण करना. उसके अगले दिन दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर पूजा पाठ करो. ब्राह्मण भोजन, दान, दक्षिणा दो. फिर पारण करके व्रत को पूरा कर लो. नारद जी ने इंद्रसेन से कहा कि तुम विधि विधान से इंदिरा एकादशी का व्रत करोगे तो तुम्हारे पिता को अधोगति से मुक्ति मिल जाएगी. वे स्वर्ग लोक प्राप्त कर पाएंगे. इतना कहकर नारद जी वहां से चले गए.

अश्विन कृष्ण एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी आई तो राजा ने नारद मुनि के बताए अनुसार व्रत और पूजन किया. दान और दक्षिणा देकर व्रत को पूरा किया. उस व्रत के पुण्य से उसके पिता को अधोगति से मुक्ति मिल गई और वे यमलोक से मुक्त होकर भगवान विष्णु के लोक चले गए. जब राजा इंद्रसेन की मृत्यु हुई तो उनको स्वर्ग लोक की प्राप्ति हुई.

इंदिरा एकादशी 2024 मुहूर्त और पारण
अश्विन कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ: 27 सितंबर, शुक्रवार, दोपहर 1:20 बजे से
अश्विन कृष्ण एकादशी तिथि का समापन: 28 सितंबर, शनिवार, दोपहर 2:49 बजे पर
इंदिरा एकादशी पूजा मुहूर्त: सुबह 06:13 बजे से, सिद्ध योग में
इंदिरा एकादशी पारण समय: 29 सितंबर, रविवार, सुबह 6:13 बजे से सुबह 8:36 बजे तक

Tags: Dharma Aastha, Indira ekadashi, Lord vishnu, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular