IND vs PAK: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा करने से भारतीय टीम ने साफ शब्दों में मना कर दिया है. भारतीय टीम ने इसके लिए 2008 से यह सख्त रवैया अपनाया हुआ है. 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे को लेकर पाबंदी ही लगा दी. 2008 के पहले टीम इंडिया ने जब पाकिस्तान का दौरा किया तो कई बार भारतीय खिलाड़ियों पर मैदान पर हमले हुए. लेकिन साल 2009 में एक भयावह घटना हुई. 2009 में श्रीलंका की क्रिकेट टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी. उस टीम पर आतंकवादियों ने जानलेवा हमला कर दिया था. हथियारबंद आतंकियों ने खिलाड़ियों की बस को रोक कर उस पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं. उस हमले में कई खिलाड़ी घायल हुए थे. बीसीसीआई इसको ध्यान में रखते हुए अपनी टीम की सुरक्षा को सर्वोपरि रखना चाहती है. लेकिन इनके अलावा वे कौन से बड़े कारण हैं, जिनकी वजह से भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करना चाहती.
1. कश्मीर
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का मसला 75 सालों से चल रहा है, लेकिन सरकारों के साथ-साथ पाकिस्तानी खिलाड़ी भी इसमें अपने बयान आए दिन देते रहते हैं. काफी समय नहीं बीता जब शाहिद अफरीदी ने कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयान दिया था. शाहिद अफरीदी समय-समय पर ऐसे ट्वीट करते रहते हैं. शाहिद ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में हिंदू धर्म के बारे में भी अपनी घृणा दर्शा चुके हैं.
2. आतंकवाद को समर्थन
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद आए दिन प्रधानमंत्री के बारे में अभद्र टिप्पणी करते रहते हैं. उन्होंने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी नफरत भरे बयान दिए थे. लेकिन इनसे ज्यादा उनकी वांछित अपराधी डॉन दाऊद इब्राहिम से रिश्तेदारी सबसे बड़ा कारण है. जावेद मियांदाद के बेटे की शादी दाऊद की बेटी से हुई है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी आतंकवाद के पोषक ही रहे. तालिबान का खुला समर्थन और कश्मीर पर बयान ऐसे रहे कि भारत को हमेशा उनसे परेशानी रही. उनके प्रधानमंत्री रहते हुए ही कश्मीर में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हमला हुआ था, जिसमें भारत के 40 जवान मारे गए थे.
3. धर्मांधता
पाकिस्तान के वर्ल्डकप विजेता टीम के पूर्व कप्तान इमरान खान ने एक बार कहा था, कि वे भारतीय टीम के खिलाफ सिर्फ मैच नहीं खेलते बल्कि यह उनके लिए जिहाद की तरह है. शाहिद अफरीदी, मोहम्मद रिजवान, वकार यूनुस और शोएब अख्तर जैसे खिलाड़ियों के कुछ बयान भी हिंदू धर्म के खिलाफ ही रहे हैं.
4. भारतीय खिलाड़ियों पर पूर्व में हुए हमले
1986 में के. श्रीकांत पर हुआ हमला
1997 में पूरी भारतीय टीम पर हमला हो गया था
2004 में सचिन, अगरकर और इरफान पठान पर हमला किया गया. इरफान ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया था.
5. पीसीबी खुद भी है बड़ा कारण
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने काफी पहले से उकसाने वाले कार्य किए हैं. एक बार तो उसने मैदान पर कश्मीर की आजादी से संबंधित पोस्टर दिखाने की आज्ञा दे दी थी. पीसीबी ने 2021 के टी20 विश्वकप में भारत पर जीत के बाद कहा कि इस्लाम ने भारत को जीत लिया.
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