Thursday, October 17, 2024
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Air Pollution and Stroke : क्या बढ़ते वायु प्रदूषण से ,बढ़ रहा है स्ट्रोक का खतरा?

Air Pollution and Stroke : वायु प्रदूषण का मनुष्य की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है, यह बात आप सबको पता है. लेकिन क्या वायु प्रदूषण से मस्तिष्क आघात और हृदय रोग संबंधी समस्याएं भी हो रही हैं? इस बात की पुष्टि बहुत कम लोगों ने की होगी, तो चलिए इस लेख के माध्यम से इस विषय के बारे में विस्तार से जानते हैं.

दरअसल वायु प्रदूषण के प्रति जागरूकता में कमी के चलते वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारी और मृत्यु दर में उछाल का कारण है, इसका आपके हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डालना. जी हां वायु प्रदूषण कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करता है. महामारी और बीमारियों का अध्ययन करने वाली संस्थाओं ने इस बात की पुष्टि की है कि वायु प्रदूषण से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां और आघात जैसी गंभीर समस्याएं पैदा होती है.

बढ़ते औद्योगिकरण की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण कम या मध्यम वर्गीय आय वाले एवं विकासशील देशों में यह बड़े पैमाने पर भारी जनसंख्या को प्रभावित करता है. किस स्थिति में वायु वायु प्रदूषण हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है या बात अभी भी पता नहीं लगाई जा सकी है लेकिन वैज्ञानिक प्रयासरत है और जल्द हमें सवाल का जवाब मिल जाएगा. इस समस्या के रोकथाम के लिए इसके पीछे की वजह का पता चलना अत्यंत आवश्यक है और जिसके बाद ही इसके खिलाफ प्रभावी रणनीति बनाई जा सकती है.

Air Pollution and Stroke : क्या है वायु प्रदूषण?

वायु प्रदूषण के बारे में सभी को पता होता है कि यह हवाओं में फैले दुष्ट धूल और रसायन के कण और दूसरे हानिकारक धुएं और प्रदूषण को कहते हैं. वर्तमान समय में स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले मुख्य प्रदूषक है वायु जनित कण पदार्थ पीएम PM और हानिकारक गैसें जैसे कि ओजोन O3, सल्फर डाइऑक्साइड SO2, कार्बन मोनोऑक्साइडCO, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड NO2 और नाइट्रोजन ऑक्साइड NO.

यह गैसीय प्रदूषक SO सबसे ज्यादा जीवाश्म ईंधन बिजली संयंत्र में उत्पादित होता है जबकि नाइट्रोजन ऑक्साइड सड़क पर चलने वाली गाड़ियों के धुएं, घरों में बिजली से निकलने वाली गर्मी,बिजली उत्पादन और औद्योगिक स्रोतों से निकलती है. इसके अतिरिक्त अपने अंतर्निहित विषाक्तता के अलावा so2 और NO जो वायुमंडलीय फोटो केमिकल प्रतिक्रियाओं में भी योगदान देते हैं.

Air Pollution and Stroke : वायु प्रदूषण और स्ट्रोक के बीच संबंध

हृदय रोग से पीड़ित लोगों में हाइपरलिपिडेमिया, हाइपरटेंशन, मोटापा, धूम्रपान करना, खराब खाना और निष्क्रिय जीवन शैली जैसे कई जोखिम कारक होते हैं. क्योंकि अधिकांश लोगों के लिए वायु प्रदूषण के संपर्क में आना एक विकल्प नहीं, बल्कि एकमात्र चारा है इसीलिए वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को हृदय रोग संबंधी खतरा कम होता है, दूसरे हृदय संबंधी जोखिम के कारणों की तुलना में.

हाल ही में हुए एक व्यवस्थित समीक्षा और मेटा विश्लेषण से यह पता चला की जैसी और पीएम वायु प्रदूषण का हृदय समस्या और स्ट्रोक के कारण अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में गहरा संबंध है पीएम 2.5 और म 10 दोनों स्ट्रोक के लिए अस्पताल में भर्ती होने और उससे होने वाली मृत्यु दर से जुड़े हुए पाए गए इसके अतिरिक्त no2 सबसे अधिक अध्ययन किया गया प्रदूषण था जिसमें स्ट्रोक के कारण अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में 1.014 प्रति 10 प्रति 10% वृद्धि हुई थी.

इन सभी साक्ष्य से यह स्पष्ट होता है कि वायु प्रदूषण और स्ट्रोक सहित हृदय संबंधी बीमारियों के बीच गहरा संबंध है और महामारी विज्ञान अध्ययनों ने यह प्रदर्शित किया है की वायु प्रदूषण से कम समय या ज्यादा समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है.

वायु प्रदूषण को हृदय संबंधी बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सबसे जरूरी खतरनाक कारक में से एक के रूप में पहचान जाना चाहिये. स्वास्थ्य सेवा पेशवरों के इस साक्ष्य के बाद लोगों में इस समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, न केवल व्यक्तिगत रोगियों के देखभाल में सुधार के लिए, बल्कि सरकार पर वायु प्रदूषण से होने वाले स्ट्रोक के खतरे को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता बनाने के लिए दबाव डालने में भी मदद करेगी.


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