Baby Health : विटामिन डी शरीर के लिए एक बहुत ही आवश्यक तत्व होता है और यह छोटे बच्चों में कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है. जन्म से लेकर 6 माह तक शिशुओं को मां का दूध ही पिलाया जाता है, क्योंकि मां का दूध शिशुओं के शरीर के बेहतर विकास और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. लेकिन ब्रेस्ट मिल्क में अन्य पोषक तत्वों की तुलना में विटामिन डी की मात्रा बहुत कम पाई जाती है और यह मात्रा शिशुओं के की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए काफी नहीं होती है, इसीलिए शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद से ही डॉक्टर मां के दूध के साथ-साथ विटामिन डी की ड्रॉप्स देने का सुझाव देते हैं. चलिए इस विषय पर विषय विशेषज्ञों की राय के बारे में विस्तार से जानते हैं.
Baby Health : क्यों होती शिशुओं के लिए विटामिन डी की ड्रॉप्स जरूरी ?
- जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को विटामिन डी की ड्राप देने से उनकी हड्डियों के विकास और मजबूती में सहायता मिलती है.
- शिशु के शरीर में विटामिन डी की जरूरत इसलिए भी होती है क्योंकि शिशुओं के शरीर में विटामिन डी की कमी से रिकेट्स बीमारी का खतरा बढ़ जाता है जिससे उनकी हड्डियां मुलायम और कमजोर हो जाती है.
- नवजात शिशुओं के शरीर में संतुलित मात्रा में विटामिन डी का स्तर रहने से इंटीरियर फॉन्टेनल (बच्चों के सिर पर होने वाला एक नरम स्थान) को समय पर बंद होने में मदद मिलती है.
- शरीर में विटामिन डी का सही संतुलन रहने से शिशुओं की हड्डियां कमजोर नहीं होती है जिससे उन्हें भविष्य में कम उम्र में ही घुटनों से जुड़ी समस्याएं या पैरों के टेढ़े होने की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है.
Baby Health : शिशुओं को कितने समय तक और कितनी मात्रा में विटामिन डी के ड्रॉप्स लेने चाहिए?
- चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों के अनुसार जन्म से 1 साल तक शिशुओं को विटामिन डी की ड्रॉप्स प्रतिदिन देना आवश्यक होता है.
- 1 साल से अधिक उम्र के बच्चों को चिकित्सक से पूछ कर मात्रा बढ़ाकर प्रतिदिन विटामिन डी की ड्राप देनी चाहिए.
- शिशुओं को कम से कम डेढ़ साल तक विटामिन डी के ड्रॉप्स देना आवश्यक होता है, हालांकि 2 साल तक के उम्र वाले बच्चों को भी विटामिन डी की ड्रॉप्स देना फायदेमंद होता है.
Baby Health : इसके अलावा शिशुओं को सही मात्रा में विटामिन डी मिल रहा है या नहीं इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उनका ओवरऑल हेल्थ और बोन हेल्थ का चेकअप करवाते रहना चाहिए और आपके शिशु को विटामिन डी कितनी मात्रा में और कब देनी चाहिए इस बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श भी लेते रहना चाहिए.