Saturday, November 23, 2024
HomeReligionक्या है स्वास्तिक के 4 बिंदुओं का अर्थ? हर एक बिंदू का...

क्या है स्वास्तिक के 4 बिंदुओं का अर्थ? हर एक बिंदू का है अपना एक खास महत्व, पंडित जी से जानें

हाइलाइट्स

जिस घर में स्वास्तिक बना होता है, वहां से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं.मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने से वास्तु दोष नहीं लगता.

Importance of Swastik 4 Points : स्वास्तिक जिसे कुछ जगहों पर साथिया या सातिया के नाम से भी जाना जाता है. सनातन धर्म के कुछ पवित्र चिह्नों में से स्वास्तिक भी एक है. जिसे हर पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य के आयोजन से पहले बनाया जाता है. बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें स्वास्तिक बनाने का सही तरीका नहीं पता होता और वे इसे बनाने के लिए सबसे पहले क्रॉस बनाते हैं. लेकिन पहले हम स्वास्तिक बनाने के सही करीके के बारे में पंडित जी से जान चुके हैं. आज हम जानेंगे स्वास्तिक में बने 4 बिंदुओं के महत्व के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

स्वास्तिक के चार बिंदुओं का अर्थ
1. धर्म
स्वास्तिक का पहला बिंदु धर्म का प्रतिनिधित्व करता है, जो धार्मिकता, नैतिक और नैतिक कर्तव्यों, दैवीय और ब्रह्मांडीय व्यवस्था के अनुसार जीवन जीने का प्रतीक है. धर्म व्यक्तियों को अपने, परिवार, समाज और दुनिया के प्रति अपने कर्तव्यों पर विचार करते हुए एक सद्गुणी और सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने का मार्गदर्शन करता है.

यह भी पढ़ें – क्यों किन्नरों का आशीर्वाद कभी नहीं जाता खाली? भगवान राम के वनवास से जुड़ा है किस्सा, पढ़ें पौराणिक कथा

2. अर्थ
स्वास्तिक का दूसरा बिंदु अर्थ का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे धन और सफलता की प्राप्ति होती है. साथ ही यह समृद्धि को बढ़ाता है. अर्थ केवल व्यक्तिगत धन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सभी रूप से समाज की भलाई भी शामिल है. यह सुनिश्चित करता है कि धन सिर्फ पूर्ण ईमानदारी और सही साधनों से अर्जित किया जाए और इसका उपयोग अधिक से अधिक अच्छे के लिए किया जाए.

3. काम
स्वास्तिक का तीसरा बिंदु काम का प्रतिनिधित्व करता है, जो प्रेम, आनंद और सौंदर्य आनंद प्रदान करता है. काम का अर्थ है प्रेम, जुनून और आनंद सहित सौंदर्य सुख. लेकिन काम का उद्देश्य केवल इंद्रियों को तृप्त करना नहीं है. यह सुनिश्चित करता है कि यह धर्म द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर हो और इंसान अपनी इच्छाओं को धार्मिक और संतुलित तरीके से पूर्ण करें.

यह भी पढ़ें – घर खरीदने या मकान बनाने का कर रहे हैं प्लान, मुख्य द्वार का रखें विशेष ध्यान, जरा सी चूक से हो सकता है वास्तु दोष

4. मोक्ष
स्वास्तिक का चौथा बिंदु मोक्ष का प्रतिनिधित्व करता है, जो जन्म और मृत्यु (संसार) के चक्र से मुक्ति या आध्यात्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक है. वास्तव में मोक्ष तीनों क्रियाओं धर्म, अर्थ और काम का प्रतिफल है. धर्म शास्त्रों के अनुसार अर्थ, धर्म, काम त्रिवर्ग कर्तव्यों के पूरा होने पर मनुष्य को सद्गति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है. मोक्ष ही भारतीय अवधारणा में परम पुरुषार्थ है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular