Iran Helicopter Crash: रविवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई है. इसके साथ ही हेलीकॉप्टर में सवार ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर समेत 9 अन्य लोग सवार थे. हादसे के एक दिन बाद यानी सोमवार को ईरान की मीडिया ने राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री के मौत की पुष्टि कर दी. सबसे बड़ी बाद कि यह घटना ऐसे समय में हुई है जब रईसी और ईरान सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के नेतृत्व में ईरान ने पिछले महीने इजराइल पर एक जबरदस्त ड्रोन और मिसाइल हमला किया था. इसके अलावा ईरान का यूरेनियम संवर्धन भी हथियार बनाने के लिए आवश्यक स्तर के करीब पहुंच गया है. इसकी वजह से देश और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है. इसके अलावा यूक्रेन पर हमले के लिए ईरान रूस को ड्रोन भी सप्लाई कर रहा था.
हादसे से पहले रईसी पूर्वी अजरबैजान की यात्रा पर थे
हेलिकॉप्टर हादसे से पहले रईसी ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत की यात्रा पर थे. रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री अमीराब्दुल्लाहियन, ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर एवं अन्य अधिकारी और अंगरक्षक भी यात्रा कर रहे थे. तुर्किये के प्राधिकारियों ने सोमवार की सुबह ड्रोन से ली एक फुटेज जारी की जिसमें जंगल में आग लगी दिखायी दी. उन्होंने इसके हेलीकॉप्टर का मलबा होने का संदेह जताया. उन्होंने एक दुर्गम पहाड़ी पर अजरबैजान-ईरान सीमा से करीब 20 किलोमीटर दक्षिण में यह आग लगी होने की जानकारी दी. इससे पहले रविवार रात को खामेनेई ने लोगों से दुआएं करने का आग्रह किया था. खामेनेई ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि अल्लाह के करम से राष्ट्रपति और उनके सहयोगी पूरी तरह स्वस्थ स्थिति में देश लौटेंगे.
मोखबर बने ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने रईसी की मौत पर दुख जारी करते हुए यह भी कहा है कि चाहे कोई भी स्थिति हो, ईरान की सरकार का कामकाज जारी रहेगा. बता दें, ईरान के संविधान के तहत यदि राष्ट्रपति का निधन हो जाता है तो ईरान का प्रथम उपराष्ट्रपति पदभार संभालता है और 50 दिन के भीतर नया राष्ट्रपति चुनाव कराया जाएगा. गौरतलब है कि रईसी ने 2021 में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था. उस दौरान ईरान के इतिहास में अब तक का सबसे कम मतदान हुआ था. अमेरिका ने ईरान-इराक युद्ध के अंत में 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों की सामूहिक फांसी में शामिल होने के कारण रईसी पर प्रतिबंध लगा दिया था.
मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया मंच में कुछ लोग रईसी की मौत के पीछे इजराइल का हाथ होने का शक जता रहे हैं. उनका कहना है कि रईसी के काफिले में तीन हेलिकॉप्टर थे. तीन में दो हेलिकॉप्टर सकुशल हैं लेकिन सिर्फ रईसी का हेलिकॉप्टर ही हादसे का शिकार क्यों हुआ. ऐसे में उनका शक इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के ऊपर जा रहा है. दरअसल विदेशी जमीन पर दुश्मनों के खिलाफ साजिश रचने में मौसाद माहिर है. वहीं इजराइल और अजरबैजान के राजनयिक संबंध काफी मजबूत हैं. इस कारण कई बार ईरान और अजरबैजान के रिश्तों में भी तल्खी आई है. हालांकि इजराइल ने साफ कर दिया है कि हादसे में उसकी कोई भूमिका नहीं है. हालांकि कई एक्सपर्ट ने भी हादसे के पीछे इजराइल के हाथ होने को नकार दिया है. भाषा इनपुट से साभार