EPF News: कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPFO एक निवेश फंड है, जो कर्मचारी, कंपनी और सरकार के योगदान से बनाया गया है. EPFO में नौकरी पेशा हर महीने पैसे जमा करता है. कंपनी की तरफ से भी इसमें एक हिस्सा जाता है. हर महीने आपकी सैलरी से एक हिस्सा इस पीएफ अकाउंट में चला जाता है, यानी जब आप रिटायर होते हैं, तो आपके पीएफ खाते में अच्छी खासी रकम होती है. कई लोग पीएफ खाते से पहले भी पैसे निकाल लेते हैं. इसके लिए आपको कारण बताना होता है, जिसके लिए आप पैसे निकाल रहे हैं. पीएफ खाते से पैसे निकालने के कई नियम है. EPF खाताधारक साल में शादी और शिक्षा के लिए तीन बार से अधिक एडवांस की निकासी नहीं कर सकते हैं. इसके लिए ईपीएफ सदस्य के पास भविष्य निधि के तहत 7 वर्ष की सदस्यता होनी चाहिए. आइए, ईपीएफ खाते से पैसे की निकासी संबंधी नियम के बारे में जानकारी हासिल करते हैं.
इलाज के लिए कर सकते हैं पैसे की निकासी
कर्मचारी को बीमारी की अवस्था में इलाज के लिए ब्याज के साथ कर्मचारी का योगदान या मासिक वेतन का छह गुना निकाला जा सकता है. पीएफ खाताधारक अपने खाते से 1 लाख रुपये तक की निकासी कर सकते हैं. इसके तहत कर्मचारी खुद के इलाज, पत्नी, बच्चों और माता-पिता के इलाज के लिए पीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं. इसे निकालने के लिए कोई न्यूनतम सेवा अवधि नहीं है.
होम लोन का भुगतान
होम लोन बकाया चुकाने के लिए यदि घर उसके नाम पर है, तो पीएफ खाते से पैसों की निकासी की जा सकती है. इसके लिए कर्मचारी अपने पीएफ खाते से 90 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं. यह रकम निकालने के लिए कम से कम 3 साल की सर्विस होना जरूरी है.
शादी के लिए
इसके अलावा, वेतनभोगी कर्मचारी अपने पीएफ खाते से शादी के लिए पैसे की निकासी कर सकते हैं. इसके लिए कम से कम सात साल की सर्विस होना जरूरी है. वेतनभोगी कर्मचारी खुद की शादी, बेटी, बहन, भाई या बच्चे की शादी के लिए पैसे की निकासी कर सकते हैं.
पुराने घर की मरम्मत
पुराने घर की मरम्मत के लिए भी कर्मचारी अपने पीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं. इसमें शर्त यह है कि घर कर्मचारी, पत्नी या फिर दोनों के संयुक्त नाम पर होना चाहिए. इसके लिए कम से कम पांच साल की सर्विस होना जरूरी है. इसके लिए वेतन के 12 गुणा पैसों की निकासी की जा सकती है.
घर-जमीन खरीदने या घर निर्माण के लिए
वेतनभोगी कर्मचारी घर खरीदने, घर बनाने के लिए जमीन खरीदने या फिर घर बनाने के लिए अपने पीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं. इसमें शर्त यह है कि संपत्ति कर्मचारी, कर्मचारी की पत्नी या फिर पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर हो. इसके लिए कम से कम पांच साल की सर्विस जरूरी है.
नौकरी जाने पर
इसके अलावा, अगर किसी पीएफ खाताधारक कर्मचारी की नौकरी चली जाती है, तो ऐसी स्थिति में वह अपने पीएफ खाते से 75 फीसदी तक रकम की निकासी कर सकता है. इसमें सहूलियत यह है कि वह दो महीने से अधिक की बेरोजगारी की स्थिति में वह बाकी का बचा हुआ 25 फीसदी पैसा भी निकाल सकता है.
रिटायरमेंट पर
पीएफ खाताधारक कर्मचारी 58 साल की आयु पूरी होने पर रिटायरमेंट के समय भविष्य निधि में जमा पूरी रकम निकाल सकता है. ऐसी स्थिति में वह 90 फीसदी की रकम निकाल सकता है. 10 की नौकरी पूरा करने पर कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने का हकदार हो जाता है. ईपीएफ खाते में जमा पैसे की निकासी पूरी तरह से टैक्समुक्त होता है, लेकिन रिटायरमेंट के बाद अर्जित ब्याज पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है.
पीएफ से पैसे निकासी पर टैक्स
यदि कोई कर्मचारी पांच साल की नौकरी पूरा करने से पहले पीएफ खाते से पैसे की निकासी करता है, तो टीडीएस की कटौती कर ली जाती है. यदि पैन दिया जाता है, तो पैसे की निकासी पर 10 फीसदी टीडीएस काटा जाता है और बिना पैन की निकासी पर 34.608 फीसदी काटा जाता है. यदि निकासी की रकम 50,000 से कम है, तो उस पर टैक्स डिडक्शन का नहीं मिलेगा. पीएफ खाता पैने से लिंक होने के बाद भी पांच साल की नौकरी पूरा होने से पहले पैसे की निकासी पर 20 फीसदी की दर से टीडीएस काटा जाएगा. आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट का दावा किया जा सकता है.
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पीएफ खाते से निकासी के लिए जरूरी दस्तावेज
● UAN (यनिूवर्सल अकाउंट नंबर) एक अनिवार्य दस्तावेज है. इसे कर्मचारी कंपनी से प्राप्त कर सकता है.
● बैंक खाते की जानकारी EPF खाते के अनुसार नाम के साथ स्पष्ट रूप से दिया जाना चाहिए.
● बैंक खाते को EPF खाताधारक के नाम से होना चाहिए क्योंकि धारक के जीवित होने पर धन तीसरे पक्ष को ट्रान्सफर नहीं किया जा सकता है.
● पिता का नाम और जन्म तिथि जैसे व्यक्तिगत जानकारी पहचान प्रमाण के साथ स्पष्ट रूप से मेल खानी चाहिए.
स्टोरी इनपुट: स्वाति कुमारी