Hinduja समूह दिवालिया हो चुके अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल खरीदने के लिए बोली तो जीत ली थी पर अब कंपनी को उधार लेने के बारे में सोचना पड़ रहा है. हिंदुजा ग्रुप की एक कंपनी IndusInd इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिए ₹4,300 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है. रिलायंस कैपिटल के लिए दिवालियापन समाधान अभी भी जारी है, और IIHL की ₹9,650 करोड़ की समाधान योजना को NCLT ने 27 फरवरी, 2024 को मंजूरी दे दी थी. IIHL ने अधिग्रहण को अंतिम रूप देने के लिए अतिरिक्त 90 दिन मांगे थे. NCLT ने मूल रूप से 27 मई, 2024 की समयसीमा तय की थी.
पैसे जुटाने में लगा है हिंदुजा ग्रुप
IIHL वर्तमान में रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए धन जुटाने पर काम कर रहा है. उनका लक्ष्य स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय निजी क्रेडिट फंड्स से धन जुटाना है. एनसीडी जारी करने से मिले पैसों का उपयोग रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं का कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा, जिसमें रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस जैसी बीमा कंपनियाँ शामिल हैं. नवंबर 2021 में, RBI ने रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को हटा कर नागेश्वर राव को प्रशासक नियुक्त कर दिया था.
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बोली में हिंदुजा ने मारी थी बाजी
फरवरी 2022 में नागेश्वर राव ने रिलायंस कैपिटल के लिए नीलामी की शुरुआत करी थी, जो तब 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के भारी कर्ज में डूबी हुई थी. LIC और EPFO ने कंपनी में 5,900 करोड़ रुपये का निवेश किया था. जून 2023 में लेनदारों ने हिंदुजा समूह की बोली को हरी झंडी दिखा दी थी. हिंदुजा समूह ऑटोमोटिव, तेल, वित्त और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रुचि रखने वाली एक प्रमुख वैश्विक कंपनी है.
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