Sunday, October 20, 2024
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Health News : बच्चों में sleep Problem, हो सकता है psychosis

आम तौर पर बच्चों को खूब नींद आती है, परंतु कई बार किन्हीं कारणों से उनकी नींद disturb भी हो जाती है, जो सामान्य सी बात है. पर यदि बच्चा लगातार रात में नींद की कमी का अनुभव कर रहा है, तो बड़े होने पर वह मनोविकृति से ग्रस्त हो सकता है.

जिन बच्चों में बचपन से ही नींद की कमी की समस्या लगातार बनी रहती है, उनके early adulthood में psychosis, यानी मनोविकृति से ग्रस्त होने का खतरा बढ़ सकता है. एक नये रिसर्च में यह बात सामने आयी है. ऐसे में माता-पिता को बच्चों की नींद की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

Birmingham University के Researchers की स्टडी का परिणाम

Birmingham University के Researchers ने छह महीने से सात वर्ष की आयु के बच्चों के एक बड़े समूह के बीच अध्ययन किया और रात के समय के sleep pattern की जांच की. अपने अध्ययन के दौरान उन्होंने पाया कि जो बच्चे रात में लगातार कम घंटे सोते थे, उनमें early adulthood में मानिसक विकार (psychotic disorder) विकसित होने की संभावना दोगुने से अधिक थी, और मनोविकार (psychotic episodes) होने की संभावना लगभग चार गुना थी. जबकि इससे पूर्व हुए शोध में स्पेसिफिक टाइम प्वाइंट पर नींद की समस्याओं और मनोविकृति (psychosis) के बीच के संबंधों पर प्रकाश डाला गया है. यह पहली स्टडी है जो दिखाती है कि नींद की लगातार कमी भविष्य में मनोविकृति उत्पन्न कर सकती है. इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका, डॉ इसाबेल मोरालेस-मुनोज का कहना है कि ‘बचपन में अलग-अलग समय पर बच्चों का नींद की समस्याओं से पीड़ित होना पूरी तरह से सामान्य है, पर यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि कब हमें इसके लिए सहायता लेनी है. कभी-कभी नींद की कमी लगातार बनी रह सकती है और क्रॉनिक प्रॉब्लम बन सकती है. यही वह स्थिति होती है जब हमें एडल्टहुड में मानसिक बीमारी के साथ संबंध दिखाई देते हैं.’

Psychosis के लिए नींद की कमी के साथ अन्य फैक्टर भी हैं जिम्मेदार

इसाबेल कहती हैं कि वे सब इस बात को जानते हैं कि हमारी नींद के पैटर्न और व्यवहार में सुधार करना संभव है, जो अच्छी खबर है. हालांकि लगातार कम नींद का आना अर्ली एडल्टहुड में मनोविकृति (Psychosis) का एकमात्र कारण नहीं हो सकता है, परंतु शोध से पता चलता है कि निरंतर कम नींद का आना भी मनोविकृति का एक कारण हो सकता है. इस रिसर्च के रिजल्ट JAMA Psychiatry में पब्लिश हुए हैं. यह अध्ययन Avon Longitudinal Study of Parents and Children (ALSPAC) से लिये गये आंकड़ों पर आधारित था, जिसमें छह महीने से सात वर्ष तक के 12,394 बच्चों और 24 साल की उम्र के 3,889 बच्चों के रिकॉर्ड शामिल थे.


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