Health: दांतों की सुरक्षा स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी है. इसलिए रोजाना सुबह-शाम अपने दांतों को साफ करें और ऐसी चीजों को खाने से बचें जो दांतों को खराब करती है. आज भी दांतों को लेकर जागरूकता का अभाव है, इसलिए जरूरी है कि अन्य बीमारियों की तरह लोग इससे भी सावधान रहें और हल्के में न लें. क्योंकि दांतों की बीमारी खासकर बुढ़ापे में बहुत परेशान करती है. गुड़गांव में स्माइल ब्राइट डेंटल क्लिनिक का रविवार को उद्घाटन करते हुए अलवर के पूर्व सांसद और तिजारा से विधायक महंत बालक नाथ ने यह बात कही. इस क्लिनिक में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिये विशेष तरह की सुविधा मिलेगी. हाथरस में हुई घटना पर पूछे जाने पर बाबा बालकनाथ ने कहा कि ऐसी घटनाओं से हमें बचने का प्रयास करना होगा. भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृति नहीं हो इस पर ध्यान देना होगा. भगदड़ के कारण सैकड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी. ऐसी घटनाओं को लेकर आयोजकों काे भी सतर्क और चौकस रहने की जरूरत है और जिला प्रशासन से तालमेल बनाकर ही कार्यक्रम आयोजित होना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि सरकार की कोई जिम्मेवारी बनती है, उन्होंने कहा कि जरूर बनती है और उत्तर प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेवारी निभा रही है.
धार्मिक कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
महंत बालकनाथ ने यह भी कहा कि खासतौर पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों में भीड़ आपको उम्मीद से कहीं ज्यादा आ सकती है. इसलिये ऐसे आयोजनों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. क्योंकि ऐसे आयोजन में जब दुखद घटना घट जाती है, तो इसका नुकसान दूसरों को भी उठाना पड़ता है. इसलिये जरूरत इस बात की है कि इस तरह के आयोजन में सभी प्रकार की सावधानी बरती जाए, जिससे आयोजन के नाम पर दूसरों को धक्का न पहुंचे. ऐसी घटना की पुनरावृति न हो इसके लिये हमें सामाजिक और कानूनी तौर पर एक रणनीति तय करनी पड़ेगी और इसका सख्ती से पालन भी करना होगा. कार्यक्रम में विंग कमांडर पीएस यादव, वीरेंद्र यादव(राव जी) सहित दिल्ली गुरुग्राम और मुंबई के डॉक्टर सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहें.
70 फीसदी आबादी दांतों की समस्या से परेशान
दांतों की समस्या और उसके निदान के विषय में डॉ पुनीत यादव ने कहा कि देश में लगभग 70 फीसदी से ज्यादा लोगों को किसी न किसी प्रकार की समस्या दांत में है. समस्या तभी शुरू हो जाती है, जब दांत में किसी भी प्रकार की चीजें फंसने से शुरू होती है, लेकिन तब उस पर लोग ध्यान नहीं देते हैं और टूथपिक से उसे निकालते रहते हैं. कभी-कभी दांतों में खून भी आ जाता है, लेकिन कुछ दिनों बाद खून आना बंद हो जाता है, तो हम यह मान लेते हैं कि यह बीमारी अब खत्म हो गयी. लेकिन इसके उपचार की विधि पर तभी ध्यान देने की जरूरत होती है. बाद में यह मर्ज बढ़ता ही जाता है और बुढापे में तो और कई तरह की समस्या खड़ी कर देता है.
सिर्फ जानलेवा बीमारियों पर दिया जाता है ध्यान
दांतों में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिये सबसे पहले सुबह में उठते ही गर्म पानी से कुल्ला करें. उसके बाद दांतों को ब्रश से साफ करें. यह काम कम से कम एक दिन में दो बार तो जरूर ही करना चाहिये. दूसरी ओर दांत को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव है. यह इसलिये कि अपने यहां उन्हीं बीमारियों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, जो जानलेवा है. बाकि बीमारियों को दूर करने के लिये बहुत कुछ नहीं किया जाता है.
जन जागरूकता अभियान की जरूरत
दांतों की समस्या से निपटने के लिये जन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. क्योंकि ऐसा न करने की वजह से एक बीमारी से जब तक हम छुटकारा पाते हैं, तब तक दूसरी बीमारी दूसरी बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी होती है.दांत को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे बच्चे बचपन से ही इसके प्रति संवेदनशील और इसकी उपयोगिता को समझे. डॉ पुनीत ने लोगों से अपील करते हुये लोग पान, तंबाकू या गुटखा का प्रयोग न करें, अन्यथा एक दिन यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का रूप धारण कर सकता है.