हरतालिका तीज का व्रत 5 सितंबर दिन शुक्रवार को है. इस दिन सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. माता पार्वती ने कठोर तप करके भगवान शिव को पति स्वरूप में पाया था. वह अखंड सौभाग्यवती हैं. इस वजह से महिलाएं उनकी पूजा करके अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं, वहीं विवाह योग्य युवतियां मनचाहे जीवनसाथी की मनोकामना से व्रत रखकर पूजा करती हैं. हरतालिका तीज की पूजा के समय में इसकी व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए. इसको पढ़ने से व्रत का महत्व पता चलता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं हरतालिका तीज की व्रत कथा.
हरतालिका तीज व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनाई थी. भगवान शिव ने माता गौरी को उनको पूर्वजन्म के बारे में बताया था. आइए जानते हैं हरतालिका तीज की था. भगवान शिव ने माता गौरी से कहा कि आपने मुझे पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. जंगल में रखकर विकट परिस्थितियों में आंधी, तूफान, बारिश को सहन किया. अन्न और जल का त्याग कर दिया. कई बार सूखे पत्तों को खाया. जीवन की कठिन परिस्थितियां भी आपको अपने पथ से नहीं हटा पाईं. यह सब देखकर आपके पिता दुखी हो गए.
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उनको दुखी देखकर नारद जी आए और उनसे कहा कि भगवान विष्णु ने उनको भेजा है. वे आपकी कन्या से विवाह करना चाहते हैं. इस बारे में आपका विचार जानना चाहते हैं. इस बात को सुनकर आपके पिता खुश हो गए. उनको इस बात पर कोई आपत्ति नहीं थी. लेकिन जब आपको इस बारे में पता चला तो आप दुखी हो गईं. आपने अपनी एक सहेली को अपने दुख का कारण बताया. आपने उससे कहा कि सच्चे मन से शिव का वरण किया है, ऐसे में पिता ने उनका विवाह विष्णु जी से तय कर दिया. इस धर्मसंकट में प्राण त्यागने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
आपकी बातें सुनने के बाद वह सहेली आपको लेकर एक घनघोर वन में चली गई और एक गुफा में छिपा दिया, ताकि आपके पिता आपको खोज न पांए. आपके पिता आपको न पाकर दुखी थे और आपकी खोज करते रहे. आपने जंगल में रेत से शिवलिंग का निर्माण किया. वहां पर कठोर तपस्या करने लगी. आपने हजारों वर्ष तक जप, तप, उपवास किया. आपके तप से प्रसन्न होकर मैंने वर मांगने को कहा. तब आपने कहा कि यदि आप तप से प्रसन्न हैं तो आप मुझे पति के रूप में प्राप्त हों. तब मैंने आपको मनोकामना पूर्ति का वरदान दिया.
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इस घटना के बाद आपके पिता जंगल पहुंचे. तब आपने सारा वृतांत उनको सुनाया. आपने कहा कि शिव से विवाह होगा, तभी घर जाएंगी. आपके पिता सहमत हो गए. फिर उन्होंने विधि विधान से शिव और पार्वती का विवाह कराया. जो भी महिला इस व्रत को पूरे मन से विधिपूर्वक करती हैं, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है.
हरतालिक तीज 2024 मुहूर्त
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि की शुरूआत: 5 सितंबर, दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि की समाप्ति: 6 सितंबर, दोपहर 3 बजकर 01 मिनट पर
तीज पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 06:02 बजे से 8:33 बजे तक
Tags: Dharma Aastha, Hartalika Teej, Lord Shiva
FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 11:24 IST