Hariyali Teej 2024: सावन माह में हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है. इस साल ये त्योहार 7 अगस्त को मनाया जाएगा. यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है. हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, जिसे सिंघारा तीज भी कहा जाता है. आइए जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन.के.बेरा से कि सावन माह में मनाए जाने वाले हरियाली तीज का क्या विशेष महत्व है.
हरियाली तीज का महत्व
तीज का त्योहार पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है. पत्नियां अपने पति के लिए इस त्योहार पर व्रत रखती हैं. इस दिन शिवजी और पार्वती मां की पूजा कि जाती है, इस अवसर पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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हरियाली तीज के पीछे की कहानी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां पार्वती, भोले शंकर को को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए 108 जन्मों तक कठोर तप किया था। इस कठोर तप के बाद शंकर जी ने मां पार्वती को पत्नी के रुप में स्वीकारा था. हरियाली तीज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है.
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज की शरुआत 6 अगस्त के शाम 7:52pm से शुरू होगा और इसका समापन 7 अगस्त, को रात के 10:05 बजे होगा.
सावन में हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने की है परंपरा
सावन के माह में हरे रंग और मेहंदी का महत्व बढ़ जाता है. हरियाली तीज के मौके पर भी मेहंदी लगाई जाती है, जो सुहाग की निशानी भी मानी जाती है. हरियाली तीज पर पैरों में आलता भी लगाया जाता है
हरियाली तीज को और किन नामों से जाना जाता है ?
हरियाली तीज, जिसे सावन तीज, छोटी तीज और मधुश्रवा तीज के नाम से भी जाना जाता है, मानसून के मौसम में मनाई जाती है, जिसका प्रतीक है हरा-भरा वातावरण.