अमावस्या पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध भी देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Hariyali Amavasya 2024 Upay : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन स्नानदान की परंपरा है, जिससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस दिन लोग गंगा या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध भी देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं सावन महीने की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है और इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हरियाली अमावस्या पर नीम का पौधा रोपना कितना लाभदायक है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, नीम के पेड़ में देवताओं का वास होता है. इसलिए, इसकी पूजा करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है. आइए जानते हैं पूजा सामग्री और विधि के बारे में.
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नीम के पेड़ की पूजा के लिए सामग्री
इसकी पूजा के लिए आपको जल का लोटा चाहिए. इसके अलावा चमेली का तेल और दीपक साथ रखें. पूजा सामग्री में दीपक, धूप, कुमकुम, अक्षत, नैवेद्य, कच्चा सूत, चंदन और कलश भी शामिल करें.
इस विधि से करें नीम के पेड़ की पूजा
– हरियाली अमावस्या पर आप नीम के पेड़ की पूजा ब्रह्म मुहूर्त और संध्या के समय कर सकते हैं.
– इसके लिए सबसे पहले पेड़ को गंगाजल से शुद्ध करें.
– इसके बाद नीम के पेड़ को जल से स्नान कराएं.
– अब तने पर कुमकुम का तिलक लगाएं.
– फिर चमेली के तेल का दीपक जलाएं.
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– इसके बाद फूल चढ़ाएं और धूपबत्ती जलाएं.
– अब कच्चे सूत से लपेटें और 11 बार परिक्रमा लगाएं.
– इसके बाद मिष्ठान अर्पित करें.
– आखिर में नीम के पेड़ की आरती करें.
– इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान अवश्य करें.
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FIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 19:29 IST