Sunday, November 17, 2024
HomeReligion365 द‍िनों में बस एक बार आता है ये अनोखा अवसर, 4...

365 द‍िनों में बस एक बार आता है ये अनोखा अवसर, 4 अगस्‍त को करें ये अचूक उपाय, प‍ितरों की बरसेगी कृपा

Hariyali Amavasya 2024: यूं तो सनातन धर्म में साल के 365 द‍िनों में से 300 से ऊपर द‍िन ऐसे होते हैं, जब हम कोई त‍िथि या त्‍योहार मना रहे होते हैं. लेकिन 4 अगस्‍त को एक ऐसा मौक आ रहा है, जो पूरे साल में बस एक बार आता है. ये है हरियाली अमावस्‍या का अवसर. हरियाली अमावस्या के बारे में एक खास बात यह है कि आमतौर पर कोई भी अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन सावन माह की अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना का विधान है. साथ ही इस द‍िन श‍िव-पार्वती की पूजा के साथ कुछ उपाय कर प‍ितरों को भी खुश कर सकते हैं. इस दिन की गई विशेष पूजा और दान से पुण्य फल में वृद्धि होती है. सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि पर हरियाली अमावस्या इस बार 4 अगस्त हो है. जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत किया जाता है. साथ ही इस विशेष दिन पर स्नान-दान का बहुत महत्व है. इन दिनों में वातावरण की हरियाली के कारण इसको हरियाली अमावस्या कहा जाता है.

एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, सावन के महीने में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. उन्हें प्रसन्न करने से पूर्वजों की शांति मिलती है साथ ही नवग्रह के नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते हैं. उन्होंने बताया कि अमावस्या को घर की सफाई कर सभी प्रकार का कबाड़ घर से निकालने से रुके काम बन जाएंगे और सब बाधाएं दूर होंगीं. हालांकि यह दिन शिव-पार्वती को प्रसन्न करने का है. यह दिन नया कार्य, यात्रा, क्रय-विक्रय समेत किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करें.

3 या 4 अगस्‍त, कब है हरियाली अमावस्‍या

हरियाली अमावस्‍या की त‍िथ‍ि को लेकर भी बहुत लोगों में कनफ्यूजन है. जान लीज‍िए इसका मुहूर्त.
सावन माह की अमावस्या : 3 अगस्त दोपहर 3.50 बजे से अगले दिन 4 अगस्त को दोपहर 4.41 बजे तक
उदया तिथि के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या रविवार, 4 अगस्त को मनाई जाएगी.

सावन के महीने में श‍िव पार्वती की पूजा का व‍िशेष महत्‍व है.  

हरियाली अमावस्या पर यह करें

– इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान आदि के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें.
– गंगाजल से मंदिर को पवित्र करें.
– चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति विराजमान करें.
– महादेव का अभिषेक करें.
– शिव-पार्वती को फल-फूल और धूप चढ़ाएं.
– देशी घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करें.
– अंत में खीर, फल, मिठाई और हलवा का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें.

Tags: Astrology, Lord Shiva


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular