Hariyali amavasya 2024: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पितरों की पूजा, श्राद्ध-तर्पण, जप-तप और विशेष चीजों का दान करने पर जीवन के सारे पाप कट जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. इस बार हरियाली अमावस्या 04 अगस्त 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी. हरियाली अमावस्या नवग्रह की शांति के लिए भी विशेष रूप से जाना जाता है. इस दिन सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र योग का निर्माण हो रहा है. हरियाली अमावस्या के दिन कुछ उपायों को करना अत्यंत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है और कष्टों से छुटकारा मिलता है.
हरियाली अमावस्या पर क्या दान करना चाहिए?
सावन मास के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है. यह महीना देवों के देव महादेव को प्रिय है. ऐसे में चावल, सफेद वस्त्र, सफेद फूल, शक्कर और नारियल आदि का दान करने पर जातक को शिव जी की कृपा प्राप्त होगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दूध का दान करने से जीवन में शुभता का आती है. क्योंकि महादेव का दूध से अभिषेक किया जाता है. इसके साथ ही काले तिल का दान करने से जातक को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं और कुंडली से बुरे ग्रहों का प्रभाव खत्म होता है. अमावस्या तिथि में अन्न, धन और वस्त्र का दान करने पर पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. अगर आप शनि की साढ़े साती से परेशान हैं, तो ऐसे में हरियाली अमावस्या पर छतरी, चमड़े के जूते-चप्पल, साबुत उड़द, बर्तन का दान कर सकते हैं, इससे आर्थिक तंगी दूर होगी और घर में खुशियों का आगमन होता है.
हरियाली अमावस्या तिथि में जरूर करें पौधारोपण
धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि हरियाली अमावस्या के दिन पौधारोपण जरूर करना चाहिए. ऐसा करने पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही ग्रह दोष दूर होते हैं. इस दिन आप आम, आंवला, पीपल, तुलसी, केला, बरगद, नीम, नींबू इत्यादि पेड़-पौधे लगा सकते हैं.
दीपक से करें ये काम
सावन अमावस्या के दिन दीपदान जरूर करना चाहिए. इस दिन आटे से बने दीपक में घी और बाती डालें और नदी में प्रवाहित करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और धन-समृद्धि में वृद्धि होती है. इसके साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन शनि मंदिर में दीपक जलाने पर शनि दोष से राहत मिलती है.
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पितृ दोष से मुक्ति के लिए उपाय
सावन अमावस्या के दिन पिंडदान, दान-पुण्य और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. यदि आप पिंडदान या तर्पण नहीं कर सकते हैं तो पितृसूक्त पाठ, पितृ कवच पाठ, पितृ गायत्री पाठ और गीता पाठ जरूर करें.