Thursday, November 21, 2024
HomeReligionकब है गुरु प्रदोष व्रत? बन रहे 4 शुभ संयोग, शिव पूजा...

कब है गुरु प्रदोष व्रत? बन रहे 4 शुभ संयोग, शिव पूजा के लिए मिलेगा पौने तीन घंटे समय, जानें तारीख, मुहूर्त

गुरु प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. इस दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है, जिसे तेरस व्रत भी कहा जाता है. यह व्रत देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित है. प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में करते हैं. भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति के सभी प्रकार के दोष, रोग, अनजाने में किए गए पाप आदि मिट जाते हैं और व्यक्ति की शुभ मनोकामनाएं पूरी होती हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत कब है? गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

गुरु प्रदोष व्रत किस दिन है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 6 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन अगले दिन 29 नवंबर को सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर होगा. उदयातिथि और प्रदोष पूजा मुहूर्त के आधार पर गुरु प्रदोष व्रत 28 नवंबर गुरुवार को है.

ये भी पढ़ें: एकादशी व्रत कब से शुरू करना चाहिए? यह दिन है सबसे शुभ, एकादशी माता हुई थीं प्रकट, जानें 7 जरूरी नियम

गुरु प्रदोष व्रत 2024 पूजा मुहूर्त
28 नवंबर को गुरु प्रदोष व्रत की पूजा के लिए आपको करीब पौने तीन घंटे का शुभ समय प्राप्त होगा. व्रत के दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 6 मिनट तक है.

4 शुभ संयोग में गुरु प्रदोष व्रत 2024
मार्गशीर्ष यानी अगहन माह के पहले प्रदोष व्रत के दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. उस दिन सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहे हैं, वहीं चित्रा और स्वाति नक्षत्र भी हैं. गुरु प्रदोष व्रत को प्रात:काल में सौभाग्य योग बनेगा, जो शाम को 4 बजकर 2 मिनट तक है. उसके बाद शोभन योग बनेगा, जो अगले दिन तक रहेगा. व्रत के दिन सुबह 7 बजकर 36 मिनट तक चित्रा नक्षत्र है, उसके बाद से स्वाति नक्षत्र है.

ये भी पढ़ें: कब है मार्गशीर्ष अमावस्या? पितरों को किस समय दिया जाएगा तर्पण? जानें तारीख, स्नान-दान मुहूर्त

गुरु प्रदोष व्रत 2024 पारण समय
जो लोग गुरु प्रदोष व्रत रखेंगे, वे व्रत का पारण 29 नवंबर शुक्रवार को करेंगे. व्रत का पारण सूर्योदय के बाद किया जाएगा. उस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर होगा. पारण से पूर्व आप स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करें. उसके बाद ही पारण करें.

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
जो लोग अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं, उनको गुरु प्रदोष व्रत रखना चाहिए. शिव कृपा से आप अपने शत्रुओं को पराजित करने में सफल होंगे. शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं. जो व्यक्ति गुरु प्रदोष व्रत की कथा सुनता या पढ़ता है, उसके कार्य सफल होते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular