Guru Grah Upay: ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का विशेष महत्व है. इसे ज्ञान, शिक्षा, भाग्य, समृद्धि और आध्यात्मिकता का कारक माना जाता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु कमजोर या अशुभ स्थिति में हो तो जीवन के अनेक क्षेत्रों में बाधाएं आ सकती हैं.
कमजोर गुरु के लक्षण
शिक्षा में बाधाएं: यदि आपकी पढ़ाई में मन नहीं लगता, एकाग्रता में कमी रहती है या फिर बार-बार परीक्षा में असफलता मिलती है तो यह कमजोर गुरु का संकेत हो सकता है.
वैवाहिक जीवन में परेशानियां: विवाह में अड़चनें आना, दांपत्य जीवन में कलह, या विवाह में देरी होना भी कमजोर गुरु का लक्षण हो सकता है.
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आर्थिक परेशानियां: धन हानि, अप्रत्याशित खर्च, ऋण में डूबना या नौकरी में परेशानी कमजोर गुरु के प्रभाव हो सकते हैं.
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: कमजोर गुरु के कारण व्यक्ति को पेट से संबंधित रोग, पीठदर्द, मधुमेह, यकृत रोग, या त्वचा रोग हो सकते हैं.
भाग्य में अड़चनें: यदि आपको हर काम में असफलता का सामना करना पड़ता है, प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिलती है, या फिर जीवन में निराशा और नकारात्मकता का वातावरण रहता है तो यह कमजोर गुरु का संकेत हो सकता है.
कमजोर गुरु को मजबूत करने के उपाय
गुरुवार का व्रत: प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और पीले वस्त्र धारण करें.
केले के वृक्ष की पूजा: गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करें और उसकी परिक्रमा करें. आप चाहें तो केले के वृक्ष का रोपण भी कर सकते हैं.
पुखराज रत्न: ज्योतिषीय सलाह के अनुसार पुखराज रत्न धारण करने से भी गुरु ग्रह मजबूत होता है.
गुरु मंत्र का जाप: ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः’ मंत्र का नियमित रूप से 3, 5 या 16 माला जाप करें.
हल्दी वाला स्नान: गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें.
दान: गुरुवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को पीले वस्त्र, फल, भोजन आदि दान करें.
जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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