GST: लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस कराने वाले लोगों को दिवाली तक शायद कुछ खुशखबरी मिल सकती है. सरकार और जीएसटी परिषद लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स की दरों में कटौती करने की मशक्कत कर रही है, लेकिन अभी तक यह फैसला नहीं हो पाया है कि इन दोनों प्रकार के इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) की दरों में कितनी कटौती की जाए. अभी हाल के दिनों में जीएसटी परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया था कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कटौती करने पर मंत्री समूह (जीओएम) मंथन करेगा. उसके बाद वह अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. अब जीएसटी परिषद ने मंथन करने के लिए 13 सदस्यों वाले जीओएम यानी मंत्री समूह का गठन कर दिया है और उसे 30 अक्टूबर 2024 तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इस लिहाज से संभावना यह जाहिर की जा रही है कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस कराने वाले को दिवाली तक खुशखबरी मिल सकती हैं.
सम्राट चौधरी को बनाया गया जीओएम के संयोजक
जीएसटी परिषद ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को जीओएम का संयोजक बनाया है. इसके अलावा, मंत्रियों के इस समूह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के सदस्यों को भी शामिल किया गया है. जीएसटी परिषद की 9 सितंबर 2024 को हुई 54वीं बैठक में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी के मौजूदा टैक्स स्लैब की जांच और समीक्षा के लिए एक जीओएम गठित करने का फैसला किया गया था. इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्सेशन के बारे में जीएसटी परिषद की ओर से अंतिम फैसला नवंबर में होने वाली बैठक में किया जाएगा. यह फैसला जीओएम की रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा.
जीएसटी परिषद को सुझाव देगा जीओएम
जीओएम पैनल के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) में सीनियर सिटीजन, मिडिल क्लास, और मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों जैसी विभिन्न कैटेगरी के लिए पर्सनल, ग्रुप पारिवारिक फ्लोटर और दूसरे हेल्थ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस की टैक्स रेट का सुझाव देना भी शामिल है. इसके साथ ही, टर्म इंश्योरेंस, निवेश योजनाओं के साथ जीवन बीमा (चाहे व्यक्तिगत हो या समूह) और पुनर्बीमा सहित जीवन बीमा पर कर दरों का सुझाव देगा.
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18% जीएसटी
इस समय लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18% जीएसटी की वूसली की जाती है. पश्चिम बंगाल सहित कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की थी, जबकि कुछ दूसरे राज्य टैक्स को घटाकर 5% करने के पक्ष में थे. यहां तक कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी जुलाई में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है.
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