GST: कर अधिकारियों ने 18,000 फर्जी कंपनियों के खिलाफ 25,000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा किया है. पांच नवंबर (भाषा) के अनुसार, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत ये कंपनियाँ हाल ही में हुए एक राष्ट्रव्यापी अभियान में उजागर हुई हैं.
अधिकारियों ने 73,000 कंपनियों की पहचान की थी, जिन्हें संदेह था कि वे बिना किसी वास्तविक सामान की बिक्री के केवल ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ (आईटीसी) का लाभ उठाने के लिए स्थापित की गई थीं, जिससे ये कंपनियाँ सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचा रही थीं. एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से बताया कि, “फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दूसरे राष्ट्रव्यापी अभियान में हमने सत्यापन के लिए लगभग 73,000 जीएसटीआईएन की पहचान की थी, जिनमें से करीब 18,000 को अस्तित्वहीन पाया गया. ये फर्जी कंपनियां लगभग 24,550 करोड़ रुपये की कर चोरी में शामिल थीं.”
Also Read: Success Story: कभी पत्नी से उधार लिया करते थे और आज खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस
इस विशेष अभियान के दौरान कंपनियों ने लगभग 70 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक जीएसटी भुगतान किया. सरकार फर्जी जीएसटी पंजीकरण की जांच के लिए लक्षित कार्रवाई कर रही है और अधिक भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. यह अभियान 16 अगस्त से अक्टूबर के अंत तक चला. पिछले साल के पहले राष्ट्रव्यापी अभियान में 16 मई से 15 जुलाई के बीच जीएसटी पंजीकरण वाली 21,791 इकाइयों का अस्तित्व नहीं पाया गया था, जिसमें संदिग्ध कर चोरी का आंकड़ा 24,010 करोड़ रुपये था.
Also Read: Chhath Puja 2024 Bank Holiday: छठ पूजा पर बंद रहेंगे बैंक,जाने अपने शहर का अपडेट
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.