अक्सर लोगों को यह कहते सुना है कि हमारे पास हमारी जन्म कुंडली नहीं है तब हम अपने ग्रह नक्षत्रों के उपाय कैसे करें ? आज हम आपको बता रहे हैं आपके खाने के तरीके से कि आपके ऊपर किस ग्रह का कैसा प्रभाव है, उसके आधार पर आप अपने ग्रहों को अपनी लाइफ स्टाइल में थोड़ा चेंज लाकर बदल सकते हैं. वही ग्रह जो आपको खराब परिणाम दे रहे हैं वही आपके लिये शुभ फलदाई हो जाएंगे. लाल किताब कहती है कि व्यक्ति को वही खाना चाहिए जिसकी उसके पास कमी है. यहां कमी का मतलब है, जो ग्रह कुण्डली में कमज़ोर है उस ग्रह से संबंधित चीजें खाएं. आमतौर लोगों की रूचि भी इसी अनुरूप होती है. वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो व्यक्ति उन्हीं चीजों की ओर आकर्षित होता है जिसकी उसके पास कमी होती है जैसे अगर आपने खूब मिठाई खा ली है इसके बाद अगर आपको मिठाई और नमकीन दें तो आप नमकीन खाना अधिक पसंद करेंगे.
गुरू : जिन जातकों गुरू की महादशा है लाल किताब के अनुसार यदि इनका गुरू कमज़ोर होता है उसे पीली चीजें अधिक पसंद आती है. ऐसा व्यक्ति चने की दाल, सोनपापड़ी, बेसन के लड्डू एवं हल्दी खाना अधिक पसंद करता है.
मंगल : जिन जातकों मंगल की महादशा है कमज़ोर मंगल वाले व्यक्ति की पसंद मसूर की दाल, शहद एवं लाल मिर्च होती है. इन्हें मीठा भी काफी पसंद होता है.
सूर्य : जिन जातकों सूर्य की महादशा है जिनकी कुण्डली में सूर्य कमज़ोर होता है ऐसे लोग नमकीन भोजन के शौकीन होते हैं. इन्हें तेज नमक खाना पसंद होता है.
चन्द्रमा और शुक्र : जिन जातकों चन्द्रमा, शुक्र की महादशा है, चन्द्रमा और शुक्र दोनों का रंग सफेद है. जिनकी जन्मपत्री में चन्द्र या शुक्र कमज़ोर होता है वे दूध, दही, चावल, मिसरी एवं आईसक्रीम के दीवाने होते हैं.
शनि: जिन जातकों शनि की महादशा है, उड़द, तिल, खिचड़ी, सरसो तेल आदि का कारक शनि माना जाता है. कमजोर शनि वाले व्यक्तियों को तैलीय चीजें काफी पसंद आती हैं. शनि की दशा में तैलीय चीजें अधिक मात्रा में खाने से शनि का कुप्रभाव दूर होता है.
बुध: जिन जातकों बुध की महादशा है, जिनका बुध कमज़ोर होता है उन्हें मूंग की दाल, साग और मटर रूचिकर लगता है.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 19:14 IST