Wheat Price: आपकी रसोई में जाने से पहले आटा अब मुंह नहीं फुलाएगा. इसका कारण यह है कि बाजार में बेतहाशा बढ़ रही गेहूं (Wheat) की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. खबर है कि गेहूं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार नीतिगत तरीके से सीधा हस्तक्षेप करेगी. इसे लेकर केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंत्रियों की समिति की बैठक भी की है. इस बैठक में अमित शाह ने अधिकारियों को गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश भी दिया है.
दो रुपये महंगा हुआ Wheat
सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में एक साल पहले की तुलना में दो रुपये प्रति किलोग्राम तक की बढ़ोतरी हुई है. आंकड़ों में बताया गया है कि 20 जून 2024 तक गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 30.99 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो एक साल पहले 28.95 रुपये था. वहीं, गेहूं के आटे की कीमत पिछले साल 34.29 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर 36.13 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.
Wheat की कीमतों पर सरकार रखेगी कड़ी नजर
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बयान में कहा कि केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिया कि गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखी जाए और देश के उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप किए जाएं. इसमें आश्वासन दिया गया है कि सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में केंद्रीय पूल के लिए थोड़ा अधिक गेहूं खरीदा है.
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सरकार के स्टॉक में 1.84 टन Wheat का स्टॉक
मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने के बाद करीब 1.84 करोड़ टन गेहूं सरकार के भंडार में बचा हुआ है, जो बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है. इस साल 18 जून तक, सरकार ने एक अप्रैल से शुरू हुए 2024-25 रबी विपणन वर्ष में केंद्रीय पूल के लिए 2.66 करोड़ टन गेहूं खरीदा था, जो पिछले वर्ष के 2.62 करोड़ टन से थोड़ा अधिक है.
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