Tuesday, December 17, 2024
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NPS Pension: सरकार ने UPS लागू होने से पहले बदले NPS के नियम, कौन-कौन से कर्मचारी होंगे प्रभावित?

NPS Pension:केंद्र सरकार ने अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अंशदान से संबंधित नई गाइडलाइन जारी की है. यह गाइडलाइन कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेंशन एंड पेंशनर्स विभाग द्वारा 7 अक्टूबर 2024 को जारी की गई है.

NPS Pension:केंद्र सरकार ने अपने अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अंशदान से संबंधित नई गाइडलाइन जारी की है. यह गाइडलाइन कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेंशन एंड पेंशनर्स विभाग द्वारा 7 अक्टूबर 2024 को जारी की गई है. नई दिशा-निर्देश के तहत NPS अंशदान की प्रक्रिया और नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिनकी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी.

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NPS क्या है

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक पेंशन योजना है, जिसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) का 10% हिस्सा पेंशन निधि के लिए काटा जाता है. इसके अतिरिक्त, बेसिक सैलरी का 14% हिस्सा सरकार द्वारा योगदान किया जाता है. NPS को शेयर बाजार से जोड़ा गया है, जिसका मतलब है कि सरकारी कर्मचारियों की पेंशन सीधे बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है. रिटायरमेंट के बाद NPS का 40% हिस्सा एन्युटी में निवेश किया जाता है ताकि रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त हो सके. हालांकि, यह योजना गारंटीड पेंशन की पेशकश नहीं करती, जिसे लेकर सरकारी कर्मचारियों में असंतोष बना हुआ है.

समय-समय पर होगी समीक्षा

सरकार द्वारा जारी नए मेमोरंडम में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को अपनी मासिक वेतन से 10 प्रतिशत NPS में योगदान देना होगा. यह अंशदान निकटतम पूर्ण रुपये तक पूर्णांकित किया जाएगा. इसके साथ ही, इस अंशदान की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी ताकि इसमें किसी प्रकार की गलती होने पर सुधार हो सके. अगर अंशदान के गणना में कोई त्रुटि होती है, तो इसे ब्याज सहित कर्मचारी के पेंशन खाते में जमा किया जाएगा.

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सस्पेंड होने पर भी जारी रख सकते हैं अंशदान

यदि कोई कर्मचारी सस्पेंड किया जाता है, तो उसके पास NPS अंशदान को जारी रखने का विकल्प रहेगा. सस्पेंशन समाप्त होने के बाद, जब कर्मचारी वापस सेवा में आता है, तो उस समय की नई वेतन संरचना के आधार पर अंशदान की फिर से गणना की जाएगी. यह सुनिश्चित करेगा कि सस्पेंड अवधि के दौरान कर्मचारियों का पेंशन योगदान प्रभावित न हो.

प्रोबेशन अवधि में भी अंशदान अनिवार्य

नई गाइडलाइन के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी अनुपस्थित रहता है या बिना वेतन छुट्टी पर होता है, तो उस अवधि के लिए उसे NPS अंशदान करने की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, प्रोबेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए NPS अंशदान करना अनिवार्य होगा, चाहे वह किसी अन्य विभाग या संस्थान में ट्रांसफर हो.

देरी पर मिलेगा ब्याज सहित अंशदान

हर महीने कर्मचारी के वेतन से कटने वाले अंशदान को आहरण और संवितरण अधिकारी जमा करेंगे. इसके बाद वेतन और लेखा अधिकारी महीने के अंत तक सभी योगदानों को संकलित कर ट्रस्टी बैंक में भेजेंगे. विशेष रूप से मार्च महीने के लिए अंशदान जमा करने की समय-सीमा तय की जाएगी. अगर अंशदान जमा करने में किसी तरह की देरी होती है या गलती होती है, तो कर्मचारी को उसका पूरा अंशदान ब्याज सहित वापस मिलेगा.

नई गाइडलाइन क्यों है महत्वपूर्ण

यह नई गाइडलाइन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कर्मचारियों को उनके NPS अंशदान को लेकर अधिक स्पष्टता और सुरक्षा प्रदान करती है. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर किसी कर्मचारी की सैलरी या अंशदान में किसी प्रकार की त्रुटि होती है, तो उसे समय पर ब्याज सहित लाभ मिलेगा. साथ ही, सस्पेंशन या ट्रांसफर जैसी परिस्थितियों में भी कर्मचारियों को उनके पेंशन अंशदान के अधिकार सुरक्षित रहेंगे.

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यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा

हाल ही में सरकारी कर्मचारियों की मांग के बाद सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है. यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी. इस स्कीम के तहत पेंशन की फंडिंग की जिम्मेदारी कर्मचारी की नहीं होगी। सरकार कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 18.5% हिस्सा वहन करेगी. यह एक गारंटीड पेंशन स्कीम है, जिसमें 10 साल से अधिक सेवा करने वाले कर्मचारी 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे. इसके अलावा, UPS के तहत रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि दी जाएगी. इसमें रिटायर होने वाले कर्मचारी अपनी अंतिम 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त करने के हकदार होंगे.

NPS और UPS में अंतर

जहां NPS शेयर बाजार पर आधारित है और गारंटीड पेंशन नहीं प्रदान करता, वहीं UPS में कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन दी जाएगी. UPS में कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के साथ-साथ एकमुश्त राशि भी मिलेगी. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसकी सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन के रूप में प्राप्त होगा, जिससे उसका भविष्य सुरक्षित रहेगा.

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