Good News : मधुमेह बीमारी आजकल हर घर में कम बात हो गई है. इस बीमारी से दुनिया भर में लगभग 50 करोड़ से ज्यादा व्यक्ति प्रभावित है. हर साल लगभग 65 लाख से भी ज्यादा लोगों कि इस रोग के कारण मृत्यु हो जाती है. मधुमेह को शरीर में ब्लड शुगर लेवल के बड़े हुए स्तर से पता लगाया जाता है. कुछ समय में डायबिटीज ने लोगों को लोगों पर अपना कल शिकंजा कस लिया है मधुमेह का सबसे बड़ा कारण है दिनचर्या और लाइफस्टाइल में बदलाव, अनियमितताएं और लापरवाहियां.
Good News : Diabetes : मधुमेह के प्रकार
मधुमेह मुख्य प्रकार से दो तरह के होते हैं डायबिटीज टाइप 1 (type 1 diabetes) और डायबिटीज टाइप 2(type 2 diabetes). डायबिटीज टाइप 1 में शरीर में इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है और यह समस्या मुख्य रूप से बचपन से ही या जन्मजात होती है, और यह जेनेटिक या हेरेडिटरी कारणों से होती है और टाइप 2 डायबिटीज मैं शरीर के सेल्स इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं और रक्त में शुगर बढ़ने की समस्या हो जाती है, जिससे शरीर को ज्यादा मात्रा में इंसुलिन की जरूरत पड़ती है.
Insulin : इंसुलिन के दुष्प्रभाव
मधुमेह के दोनों ही प्रकारों में मरीजों को चिकित्सकों द्वारा मानव निर्मित इंसुलिन का सेवन करना आवश्यक होता है जिसकी वजह से रक्त में शक्कर का स्तर स्थिर नहीं होने पाता है. अगर शरीर में इंसुलिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो शुगर अत्यधिक कम भी हो सकता है और यह भी एक जानलेवा स्थिति पैदा कर सकता है. इसी कारण से मरीजों को लगातार नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर की निगरानी रखना और जांच करना जरूरी होता है. इंसुलिन के डोज को सावधानी से लेना पड़ता है.
Smart Insulin : क्या है स्मार्ट इंसुलिन?
मेडिकल साइंस ने डायबीटिक्स के लिए एक नई खोज की है. शोधकर्ताओं ने स्मार्ट इंसुलिन नाम की एक नई इंसुलिन को विकसित किया है. यह ब्लड शुगर के स्तर के आधार पर खुद को सक्रिय या निष्क्रिय कर सकने की क्षमता रखती है. इसे NNC2215 नाम दिया गया है. इस इंसुलिन में ग्लूकोज के स्तर में बदलाव को पहचान कर, अपने में बदलाव करने की खूबी है. इससे इंसुलिन के कारण अत्यधिक लो शुगर की परेशानी नहीं होगी.
Good News : कैसे करता है काम?
स्मार्ट इंसुलिन NNC2215 के दो हिस्से होते हैं, पहला रिंग जैसी संरचना और दूसरी ग्लूकोस जैसे आकार का अणु जिसे ग्लूकोसाइड कहा जाता है. जब शरीर में रक्त शर्करा स्तर कम होता है तो यह ग्लूकोसाइड रिंग में बदल जाता है और इंसुलिन को निष्क्रिय रखने का काम करता है. लेकिन रक्त शर्करा स्तर बढ़ने की स्थिति में ग्लूकोसाइड की जगह ग्लूकोस आ जाता है और इंसुलिन सक्रिय हो जाता है जिससे रक्त में शर्करा स्तर कंट्रोल हो जाता है.
Good News : क्या है इस शोध का परिणाम
शोधकर्ताओं ने इस तकनीक के प्रभावी होने का परीक्षण चूहों और सवारों पर किया और उन्हें यह ज्ञात हुआ कि यह खास विकसित इंसुलिन व्यक्ति के शरीर में बनने वाली इंसुलिन के जैसे ही रक्त शर्करा स्तर को कम करने में सहायक हो सकती है. अब इस इंसुलिन का परीक्षण इंसानों पर किया जाएगा.
NNC2215 में कुछ बदलाव करने हैं जरूरी
यह स्मार्ट इंसुलिन चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी सफलता है. लेकिन अभी भी इसमें कुछ बारीकियां हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. दरअसल, NNC2215 का असर काफी तेज गति से होता है तो वैज्ञानिकों का अगला उद्देश्य यह है कि वह इसे थोड़ा सहज और धीमी गति से सक्रिय होने वाला बनाएं जिससे इंसुलिन का स्टार शरीर में धीरे-धीरे बढ़े और यह रक्त शर्करा स्तर को बिना किसी नुकसान के कंट्रोल करे.
Good News : यूके की रिसर्च डायरेक्टर ने क्या कहा?
इस नए शोध पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए डायबिटीज UK की रिसर्च डायरेक्टर डॉक्टर एलिजाबेथ रॉबर्टसन ने कहा कि ”यह शोध मधुमेह से पीड़ित लाखों लोगों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद को जागृत करता है.” स्मार्ट इंसुलिन मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज में एक बेहतर कदम हो सकता है और मधुमेह से पीड़ित लोगों के जीवन में एक जरूरी बदलाव की आवश्यकता को पूरा करता है.