14 मई को गंगा सप्तमी मनाई जा रही है.इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं.
Ganga Saptami 2024 Puja Vidhi : गंगा सप्तमी पर्व का हिंदुओं में बहुत महत्व बताया गया है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन मां गंगा को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण किया था. साथ ही इस त्योहार को गंगा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि मां गंगा को समर्पित है. ऐसे में इस दिन मां गंगा की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से मां गंगा की पूजा विधि.
गंगा सप्तमी पर किस विधि के साथ करें मां गंगा की पूजा?
गंगा सप्तमी तिथि पर दैनिक कार्यों और स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
उसके बाद साफ वस्त्र पहनें फिर तांबे के पात्र में गंगाजल लें. इसके लिए आप लोटे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस पात्र को लाल रंग के कपड़ें से ढ़क दें.
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इसके बाद लोटे के ऊपर कलावा बांधें, फिर उसके ऊपर स्वास्तिक बनाएं. आप लाल या पीले चंदन से स्वास्तिक बना सकते हैं. अब आपको इस पात्र को चौकी पर स्थापित करना है. गंगाजल से भरा हुआ पात्र मां गंगा का प्रतीक के रूप में पूजा जाएगा.
आपको इसके बाद मां गंगा को अक्षत, धूप दीप, फूल, नैवेद्य, मिठाई, फल आदि वस्तुएं श्रद्धा भाव से अर्पित करना है. इसके बाद मां गंगा के मंत्रों का जाप करें. मां गंगा के स्त्रोत व गंगा चालीसा का पाठ करें.
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मां गंगा की पूजा के आखरी में मां गंगा की आरती करें, उन्हें भोग अर्पित करें. इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों में प्रसाद वितरित करें. इसके साथ ही भगवान शिव की आराधना जरूर करें. भगवान शिव के ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 10:39 IST