Ganesh Chaturthi 2024: देशभर में धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है. आज गणेश उत्सव का 8वां दिन है. 10 दिन तक चलने वाले इस उत्सव में भक्त पूरे जोश में दिखते हैं. भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उनका प्रिय भोग मोदक अर्पित किया जाता है. इसके अलावा मंत्रों का जाप और आरती करते हैं. गणेश उत्सव के बाद विघ्नहर्ता को सम्मान के साथ विदा किया जाता है. विसर्जन की इस परंपरा के साथ ही उत्सव की समाप्ति होती है. लेकिन, ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या गणेश उत्सव के बाद विसर्जन जरूरी है? अगर न करें ‘विघ्नहर्ता’ की विदाई तो क्या होगा? क्या गणपति प्रतिमा को घर में रखकर की जा सकती है पूजा? इस बारे में News18 को बता रहे हैं कासगंज की तीर्थ नगरी सोरों के ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित-
क्यों मनाया जाता है गणेश उत्सव
ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित बताते हैं कि, गणेश उत्सव और विसर्जन की परंपरा की शुरुआत महाराष्ट्र में हुई थी. क्योंकि, उत्तर भारत से भगवान गणेश अपने भाई कार्तिकेय से मिलने महाराष्ट्र गए थे. वहां वे 10 दिन रुके थे. इसके बाद उनकी सम्मान के साथ विदाई हुई थी. इसी दिन के बाद विसर्जन की शुरुआत हो गई. इसके अलावा, विसर्जन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि गणेश भगवान सभी विघ्नों को समाप्त करके अपने लोक में वापस चले जाते हैं.
…तो इसलिए सार्वजनिक रूप से मनाया जाने लगा उत्सव
कहा जाता है कि लोकमान्य तिलक ने 1893 में गणेशोत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत की थी. ऐसा करने के पीछे का मकसद था कि समाज को एकजुट किया जाए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों में जागरूकता फैलाई जा सके. तब से यह परंपरा हर साल गणेशोत्सव के बाद मूर्ति विसर्जन के रूप में पूरी होती है.
इसलिए गणेश विसर्जन है जरूरी
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, गणेश पूजा के 10 दिन बाद विसर्जन करना जरूरी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा न करने से यह दोष का कारण बन सकता है. यदि आप मूर्ति को केवल सजावट या पूजन के उद्देश्य से घर में रखते हैं और विधिवत स्थापना या विसर्जन नहीं करते, तो यह धार्मिक दृष्टिकोण से कोई दोष नहीं माना जाता.
गणेश की छोटी मूर्ति का विसर्जन जरूरी नहीं
डॉ. गौरव दीक्षित बताते हैं कि, कई लोग सवाल करते हैं कि छोटी गणेश मूर्तियों को विसर्जित करने की आवश्यकता है या नहीं. इसके बारे में ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धार्मिक दृष्टिकोण से गणेश मूर्ति की स्थापना एक निश्चित समय के लिए की जाती है और उसे उचित विधि से विसर्जित करना आवश्यक होता है.
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 09:02 IST