Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024: हिंदू धर्म में गणेश जी को सबसे पहले पूजनीय देवता माना जाता है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने आयोजित किया जाता है, जिसमें मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गाणधिप संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन बुद्धि और विवेक के देवता गणेश जी की पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से व्यक्ति सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त हो जाता है.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि का आरंभ – 18 नवम्बर, 2024 को शाम 6:55 बजे
चतुर्थी तिथि का समापन – 19 नवम्बर, 2024 को शाम 5:28 बजे
Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2024: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी आज, यहां देखें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
पूजा की विधि
भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें.
गणेश भगवान को पुष्प, फल अर्पित करें और पीला चंदन लगाएं.
तिल के लड्डू या मोदक का भोग अर्पित करें.
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें.
ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.
पूर्ण श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें.
चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य अर्पित करें.
व्रत का पारण करें.
क्षमा प्रार्थना करें.
इन मंत्रों का जाप करें
गणेश पूजन मंत्र
वक्रतुंड महाकाय, सूर्य की किरणों के समान प्रकाशमान, हे देव, मुझे सभी कार्यों में बिना विघ्न के सफलता प्रदान करें.
गणेश गायत्री मंत्र
महाकर्णाय हम ध्यान करते हैं, वक्रतुण्डाय हम ध्यान करते हैं, हे दंती, हमें प्रेरित करें।।
गजाननाय हम ध्यान करते हैं, वक्रतुण्डाय हम ध्यान करते हैं, हे दंती, हमें प्रेरित करें।।