Monday, November 18, 2024
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कब है सावन का पहला प्रदोष व्रत? शाम में ही करें शिव पूजा, जानें कारण, मुहूर्त, महत्व, रुद्राभिषेक समय

सावन का पहला प्रदोष व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ति​थि को रखा जाएगा. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जिसमें भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और सावन का महीना भी महादेव की पूजा के लिए है क्योंकि यह उनको प्रिय है. प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति के हर प्रकार के दोष मिट जाते हैं, शिव कृपा से उसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि सावन का पहला प्रदोष कब है? गुरु प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त क्या है?

सावन का पहला प्रदोष व्रत 2024 तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 1 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 28 मिनट से होगा. इस तिथि की समाप्ति 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर होगी. इस व्रत की तारीख का निर्धारण प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त को देखकर किया जाता है क्योंकि इस व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल के आधार पर सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त गुरुवार को रखा जाएगा. इस वजह से यह गुरु प्रदोष व्रत है.

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गुरु प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
1 अगस्त को पड़ने वाले गुरु प्रदोष व्रत की पूजा के लिए आपको 2 घंटे 6 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा. उस दिन प्रदोष पूजा का मुहूर्त शाम 7 बजकर 12 मिनट से रात 9 बजकर 18 मिनट तक है.

शाम में क्यों​ करते हैं प्रदोष व्रत की पूजा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रदोष व्रत को सूर्यास्त के बाद से जब प्रदोष काल शुरू होता है तो भगवान शिव प्रसन्न होकर कैलाश पर नृत्य करते हैं. महादेव प्रसन्न हैं और उस समय में उनकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें तो भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा और मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं. इस वजह से ही प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा शाम के समय में करते हैं.

गुरु प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक कब करें?
गुरु प्रदोष व्रत के दिन आप सूर्योदय के बाद से कभी भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं. हालां​कि इस बार गुरु प्रदोष व्रत के अवसर पर शिववास नंदी पर सुबह से लेकर दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक है. उसके बाद से​ शिववास भोजन में है.

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गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
जो व्यक्ति पूरे विधि विधान से गुरु प्रदोष का व्रत रखता है, उसे शत्रुओं से कोई हानि नहीं होता है. गुरु प्रदोष व्रत करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और उनका विनाश होता है. शिव कृपा से सभी प्रकार के कष्ट और पाप मिट जाते हैं. जीवन में सुख और समृद्धि पाने के लिए गुरु प्रदोष व्रत करना चाहिए. इससे आपको भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती का भी आशीष प्राप्त होगा.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Sawan Month


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