ITR Filing: वित्तीय वर्ष 2023-24 और आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए अब चार दिन ही बाकी बचे हुए हैं. आयकर विभाग की ओर से व्यक्तिगत आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 निर्धारित किया है. इसके बाद रिटर्न फाइल करने पर आयकर विभाग की ओर से लेट फाइन या जुर्माना लगा दिया जाता है. आइए, जानते हैं कि आयकर रिटर्न दाखिल करने पर कितना जुर्माना लगता है.
आयकर रिटर्न फाइल करने की क्या आखिरी तारीख
टैक्स गुरु की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 और आकलन वर्ष 2024-25 के लिए व्यक्तिगत करदाताओं, ट्रस्ट, कॉलेज और राजनीतिक दल (गैर-ऑडिट मामले) और गैर-ऑडिट मामलों वाले व्यवसायों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी 31 जुलाई 2024 है. ऑडिट मामलों वाले व्यवसायों और धारा 92ई के तहत रिपोर्ट फाइल करने की आखिरी 31 अक्टूबर 2024 तय की गई है. विलंबित और संशोधित रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है.
आयकर रिटर्न भरने के लिए किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
- आधार कार्ड: पहचान और एड्रेस प्रूफ के लिए
- पैन कार्ड: आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए
- फॉर्म 16: नियोक्ता की ओर से जारी किया गया वेतन प्रमाणपत्र
- बैंक स्टेटमेंट और पासबुक: बैंक लेनदेन और ब्याज से होने वाली आय के ब्योरे के लिए
- फॉर्म 26एएस: वार्षिक कर विवरणी के तौर पर इसे देना जरूरी है. इसे TRACES वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.
- इन्वेस्टमेंट प्रूफ: कर छूट के लिए निवेश प्रमाणपत्र, जैसे पीपीएफ, एनएससी, लाइफ इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड्स आदि.
- इंश्योरेंस प्रीमियम रिसीप्ट्स: जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए
- होम लोन स्टेटमेंट: होम लोन पर ब्याज और प्रिंसिपल की जानकारी के लिए
- कैपिटल गेंस स्टेटमेंट: अगर आपने स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है, तो उसके लिए
- बिजनेस इनकम डॉक्युमेंट्स: अगर आप सेल्फ-एम्प्लॉयड या बिजनेस करते हैं, तो उसके लिए
- रेंटल इनकम डॉक्युमेंट्स: किराये से होने वाली आय का ब्योरा
- चैरिटेबल डोनेशन रसीदें: अगर आपने दान किया है और धारा 80जी के तहत छूट का दावा करना चाहते हैं, तो उसके लिए
आयकर से छूट का लाभ कैसे मिलेगा
धारा 80सी के तहत विभिन्न निवेश और खर्चों पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है.
- जीवन बीमा प्रीमियम
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)
- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (एनएससी)
- सुकन्या समृद्धि योजना
- पांच साल का फिक्स्ड डिपॉजिट
- ट्यूशन फीस (दो बच्चों तक)
- आयकर धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर भी कटौती का दावा किया जा सकता है. इसमें खुद के लिए या पति-पत्नी और बच्चों के लिए 25,000 रुपये तक छूट का दावा किया जा सकता है. वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए 50,000 रुपये तक छूट ली जा सकती है.
- आयकर की धारा 24 के तहत होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की कटौती पर छूट का दावा किया जा सकता है.
- आयकर धारा 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर कटौती का दावा किया जा सकता है. यह कटौती आठ वर्षों तक या लोन की पूरी अवधि तक (जो भी पहले हो) लागू होती है.
- आयकर की धारा 80जी के तहत मान्यता प्राप्त चैरिटी और संस्थानों को दिए गए दान पर भी कटौती का दावा किया जा सकता है.
- आयकर की धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत एनपीएस में किए गए योगदान पर अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है.
- आयकर की धारा 80टीटीए और 80टीटीबी के तहत बचत खाते में अर्जित ब्याज पर 10,000 रुपये तक की कटौती (धारा 80टीटीए) और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये तक की कटौती (धारा 80टीटीबी) का दावा किया जा सकता है.
- आयकर की धारा 80डीडी और 80डीडीबी के तहत दिव्यांग व्यक्ति के उपचार और रखरखाव के लिए भी कटौती का दावा किया जा सकता है.
- यदि आप किराए के मकान में रहते हैं, तो आप एचआरए पर कटौती का दावा कर सकते हैं.
आयकर रिटर्न फाइल करने में देरी पर कितना लगता है जुर्माना
फॉर्ब्स इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयकर रिटर्न भरने में देर करने पर 31 जुलाई के बाद लेकिन 31 दिसंबर से पहले 5 लाख रुपये आय पर 5,000 रुपये लेट फाइन लगता है. वहीं, आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो 1,000 रुपये लेट फाइन लगेगा. इसके अलावा, 31 दिसंबर के बाद लेकिन 31 मार्च से पहले आयकर रिटर्न फाइल करने पर 5 लाख रुपये से अधिक आय पर 10,000 रुपये लेट फाइन और 5 लाख रुपये से कम आय पर 1,000 रुपये लेट फाइन लगता है.
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