Budget से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से संसद में प्रस्तुत economic survey 2023-24 के अनुसार, इस बात पर जोर दिया गया कि भारत में शीर्ष बुनियादी ढांचे की उन्नति निजी क्षेत्र के निवेश में वृद्धि और वित्त पोषण के लिए नए रास्ते तलाशने पर निर्भर करती है. इसके लिए न केवल नीतियों और संस्थानों के संदर्भ में केंद्र सरकार से समर्थन की आवश्यकता होगी, बल्कि राज्य और स्थानीय सरकारों की सक्रिय भागीदारी भी होगी. Survey इस बात पर जोर देता है कि देश में धन जुटाने और बुनियादी ढांचे के विकास को सुविधाजनक बनाने में सरकार के सभी स्तरों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए.
Data कलेक्ट करने के तरीकों मे सुधार की जरूरत
Economic survey मे विभिन्न प्लेटफॉर्म और क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निवेश पर डेटा एकत्र करने और प्रस्तुत करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया गया. इसके अतिरिक्त, इसने इन उद्योगों के भीतर विशिष्ट परियोजनाओं के लिए अधिक विस्तृत स्तर पर संरचना को ठीक करने के महत्व को रेखांकित किया. इससे पता चलता है कि विभिन्न चैनलों और उद्योगों में बुनियादी ढांचे के निवेश को प्रभावी ढंग से ट्रैक करने और उसका विश्लेषण करने के लिए अधिक व्यापक और विस्तृत डेटा संग्रह और रिपोर्टिंग विधियों की तत्काल आवश्यकता है.
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क्या होता है Economic survey ?
Economic Survey सरकार की तरफ से जारी की जाने वाली एक वार्षिक रिपोर्ट है जो केंद्रीय बजट की प्रस्तुति से पहले वर्तमान आर्थिक स्थितियों का आकलन करती है. यह आगामी अवधि के लिए आर्थिक दृष्टिकोण का व्यापक विश्लेषण भी प्रस्तुत करता है. वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा तैयार किए गए आर्थिक सर्वेक्षण की देखरेख मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा की जाती है.
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