Saturday, November 16, 2024
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Economic survey: नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा, 2030 तक 30 लाख करोड़ रुपए का होगा निवेश 

Economic survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा सोमवार 22 जुलाई 2024 को लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया. इस आर्थिक सर्वेक्षण में निर्माला सीतारमण ने भारत की आर्थिक व्यवस्था से जुड़ी अहम बातें बताएं. आने वाले दिनों में भारत का ऊर्जा परिदृश्य स्वच्छ और हरित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. भारत को 2030 तक करीब 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करना जिसके लिए अच्छे निवेश की जरूरत होगी. निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण में कहां की 2024 से 2030 के बीच भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 30.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश आने की उम्मीद है. उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए वित्त जुताने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा शर्तों पर निवेश और भूमि अधिकरण के मुद्दों का समाधान करना आवश्यक होगा. इस निवेश से न केवल आर्थिक अवसर पैदा होंगे बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाने में मददगार साबित होगा. इस सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि है की रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2023 के बीच स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 8.5 लाख करोड़ रुपये और 2000 से 2024 के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 17.88 अरब डॉलर का निवेश एफडीआई द्वारा किया गया है. 

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नवीकरणीय ऊर्जा में कुल कितने निवेश हो सकते हैं 

भारत में साल 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से बिजली उत्पादन के लिए करीब कल 50% स्थापित क्षमता हासिल करने का लक्ष्य बताया गया है. समीक्षा में बताया गया की 2023 से 24 में गैर जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता कल स्थापित क्षमता का 46% है. जो की आने वाले सालों 2029-30 तक करीब 64.4% तक बढ़ाया जा सकता है. गैर जीवाश्म ऊर्जा पर ध्यान देने से करीब 34 लाख नए रोजगार पैदा होंगे. साथ ही सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा परियोजनाओं में भी अधिकांश रोजगार पैदा होंगे.

चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.5-7 फीसदी रहने का अनुमान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अनुमान लगाया गया है. इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 6.5-7.0 फीसदी रहने का अनुमान है. आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर अनश्चित आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू स्तर पर वृद्धि कारकों ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन दिया है.

क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण सरकार के एक साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड होता है. इसे वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है. इसमें एक साल का विकास कार्यों का लेखा जोखा होता है. आर्थिक सर्वेक्षण से यह पता चलता है कि किस मद पर देश को फायदा हुआ है. किन सेक्टर में सरकार को नुकसान उठाना पड़ा है. आर्थिक सर्वेक्षण में यह साफ होता है. इसके अलावा इससे सरकार के आगे के नजरिये की भी जानकारी मिलती है.

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