हर साल शारदीय नवरात्रि और दुर्गा पूजा का समापन दशहरा के दिन होता है. जो लोग अपने घरों पर मां दुर्गा की मूर्ति रखते हैं, वे दशहरा को विसर्जन करते हैं. वहीं जो लोग शारदीय नवरात्रि का व्रत पूरे 9 दिन रखते हैं, वे दशमी यानी दशहरा को पारण करके व्रत को पूरा करते हैं. उस दिन दुर्गा विसर्जन करके भक्त मां दुर्गा को उनके ससुराल विदा करते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अश्विन शुक्ल दशमी तिथि को दुर्गा विसर्जन करते हैं. इसमें भी श्रवण नक्षत्र हो तो अच्छा माना जाता है. इस साल दुर्गा विसर्जन के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि दुर्गा विसर्जन कब है? दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त क्या है? उस दिन कौन से 3 शुभ संयोग बन रहे हैं.
दुर्गा विसर्जन 2024 तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का शुभारंभ 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर हो रहा है और यह तिथि 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट तक मान्य रहेगी. दुर्गा विसर्जन दशमी तिथि को श्रवण नक्षत्र में करना अच्छा माना जाता है. ऐसे में इस साल दुर्गा विसर्जन 12 अक्टूबर शनिवार को होगा.
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3 शुभ संयोग में दुर्गा विसर्जन 2024
इस साल 12 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. उस दिन श्रवण नक्षत्र सुबह में 05 बजकर 25 मिनट से शुरू है, जो 13 अक्टूबर को प्रात: 4 बजकर 27 मिनट तक है. इसके अलावा उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 6 बजकर 20 मिनट से बन रहा है, जो अगले दिन 13 अक्टूबर को प्रात: 4 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. वहीं रवि योग भी बन रहा है, जो दुर्गा विसर्जन को पूरे दिन रहेगा.
दुर्गा विसर्जन 2024 मुहूर्त
12 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर में 1 बजकर 17 मिनट से दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक है. उस दिन दुर्गा विसर्जन के लिए आपको 2 घंटे 19 मिनट का समय प्राप्त होगा. दशहरा के दिन श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि दोपहर में प्राप्त हो रहे हैं, तो वह समय मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के लिए ठीक है.
दुर्गा विसर्जन का मंत्र
मां दुर्गा की मूर्ति को विसर्जित करते समय आपको मंत्र गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।। का उच्चारण करना चाहिए. इसमें हम मातारानी को सहर्ष विदा करते हैं और उनको अगले साल पुन: आने का निवेदन भी करते हैं.
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इस मंत्र के अलावा आप मां दुर्गा के नीचे दिए गए मंत्र को भी पढ़ सकते हैं.
रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।
दुर्गा विसर्जन क्यों करते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के प्रथम दिन मां दुर्गा अपने ससुराल कैलाश से धरती पर अपने मायके आती हैं. 9 दिन रहने के बाद वह वापस अपने ससुराल लौटती हैं. ठीक वैसे ही जैसे एक बेटी ससुराल से अपने मायके आती है और कुछ दिन रहने के बाद वापस लौट जाती है. इस वजह से हर साल प्रतिपदा के दिन लोग मां दुर्गा का आह्वान करके उनके लिए कलश स्थापना करते हैं, व्रत रखकर पूजा करते हैं. नौ दिनों तक पूजा के बाद दशमी को मां दुर्गा को विदा करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2024, 09:38 IST