Wednesday, October 30, 2024
HomeEntertainmentdipika chikhlia :दीपिका चिखलिया का खुलासा रामायण की शूटिंग के दौरान चार...

dipika chikhlia :दीपिका चिखलिया का खुलासा रामायण की शूटिंग के दौरान चार साल तक नहीं थी मनाई दिवाली 

dipika chikhlia :रामानंद सागर के बनाये गए पौराणिक शो रामायण में सीता की भूमिका निभाकर हर घर का परिचित चेहरा बन चुकी अभिनेत्री दीपिका चिखलिया ने रामायण के सेट पर मनाई गयी दिवाली सीक्वेंस के शूटिंग की यादें सहित दिवाली से जुड़े अपनी निजी तैयारियों और खरीदारी पर उर्मिला कोरी से हुई बात की है. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश    

प्रभु राम का नाम लेकर सेट पर दिए जलाए जाते थे

सीरियलों के सेट पर दिवाली मानना आम है, लेकिन रामायण के सेट पर जब दिवाली का सीक्वेंस शूट किया गया था. वह बहुत ही मैजिकल था. अयोध्या का जो सेट उमरगांव में बनाया गया था. उसे दीयों से जगमग कर दिया गया था. राम के अयोध्या वापस आने के बाद दिवाली मनाई गई थी. सेट पर भी उसी भक्ति भावना से वह सीन शूट किया गया था. उस एपिसोड की शूटिंग में सात दिन गए थे. हर दिन सेट को दिवाली के अनुसार सजाना होता था. रामायण की पूरी क्रू इसे काम की तरह नहीं बल्कि भक्ति की तरह देखती थी.मैं बताना चाहूंगी कि सारे दीयों को प्रभु राम का नाम लेकर जलाया जाता था. सेट की खूबसूरती मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं ,उस वक्त मन में यह बात आती थी कि सेट इतना खूबसूरत लग रहा है, जब असल में भगवान राम अयोध्या आये होंगे तो पूरी अयोध्या दीयों की रौशनी में कैसी लग रही होगी. मन में यह आने लगता था कि काश मैं उस दृश्य को भी देख पाती थी. मैं अयोध्या में प्रभु राम के वापस आने की भी साक्षी बनती थी.

शूटिंग के दौरान चार साल तक घर पर दिवाली नहीं थी मनाई 

यह बात सभी जानते हैं  कि रामायण की शूटिंग गुजरात और महाराष्ट्र बॉर्डर के पास उमरगांव में हुई है. सीरियल की शूटिंग चार सालों तक चली थी. मुश्किल से साल में हमें साल में तीन से चार छुट्टियां मिलती थी कि हम घर पर आ सकें, तो शूटिंग के दौरान चार साल दिवाली हमने उसी सेट पर मनाई थी. वैसे सागर साहब इस बात का बेहद ख्याल रखते थे.  यही वजह है कि वह दिवाली पर वहां पर एक बड़ा सा हवन रखते थे, जिसमें हम सभी शामिल होकर पूजा पाठ करते थे. हमारे घर से मिठाइयां और नाश्ते आते थे तो वह हम सब एक दूसरे से शेयर करके खाते भी थे.

रामायण से सकारात्मकता की सीख मिली 

रामायण शो ने मुझे सकारात्मकता की सीख दी है और यह भी बताया है कि इसे अपने आसपास भी बांटे। आप महसूस करेंगे  कि अगर आपके आसपास लोग दुखी हैं,तो आप भी खुशी नहीं रह पाएंगे  तो सभी में सकारात्मकता बांटे। आसपास की लोगों की मदद करें। ज्यादा कुछ नहीं तो मिठाई से ही सही सभी का मुंह मीठा करें और दिवाली कैंडल से नहीं बल्कि दीयों से मनाइये। आप महसूस करेंगी कि दिए की रौशनी आपके घर के अंधकार को ही दूर नहीं कर रही है बल्कि मानसिक  आपको  मानसिक सुकून भी दे रही है.

चांदी की खरीदारी करती ही हूं 

दिवाली पर जहां  तक खरीदारी की बात है तो हमारे घर में एक चांदी का कटोरा है. हर साल उसमें चांदी के कुछ नए सिक्के खरीदकर हम उसको और भरने की कोशिश करते हैं. सभी सिक्कों को दूध और पानी से अभिषेक करते हैं. उस पर हल्दी, कुमकुम और चावल लगाते हैं. लक्ष्मी मां की माला करते हैं और दिवाली की पूरी रात जागकर उसकी पूजा भगवान के साथ करते हैं ,फिर उस कटोरी को हम अपनी तिजोरी में साल भर रख देते हैं ताकि मां लक्ष्मी की कृपा हम पर साल भर बनी रहे.

दिवाली पर ये स्पेशल व्यंजन खुद बनाती हूं 

कोविड से पहले तक हर दिवाली पर रिश्तेदार और दोस्तों के मिलने जुलने का जमावड़ा हमारे घर पर लगा रहता था. हम बहुत सारा गेट टुगेदर रखते भी थे. आखिरकार दिवाली अपनों के साथ मनाने वाला त्यौहार है. अभी भी कुछ खास दोस्त या रिश्तेदार दिवाली पर घर आते ही हैं. जिनके खाने पीने की जिम्मेदारी महाराज (हमारे घर पर खाना पकाने वाले को यही कहते हैं ) के साथ मैं भी संभालती हूं. चिवड़ा,चकरी ,घूघरा , मोहन थाल, गौर पापड़ी है ये सब चीजें हम गुजरातियों के घर सिर्फ और सिर्फ दिवाली में ही बनती हैं , तो महाराज के साथ मिलकर मैं भी इसे बनाती हूं और मेहमानों को सर्व करती हूं. दिवाली के मौके पर मैं बेहद चाव से कुकिंग करती हूं. —


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular