Dipa Karmakar Retirement: भारत की पहली महिला जिमनास्ट दीपा करमाकर ने सोमवार को संन्यास का ऐलान कर दिया. कई तरह की बाधाओं को पार करने वाली इस खिलाड़ी का इंटरनेशनल करियर अब समाप्त हो गया. दीपा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट थीं और वह खेलों में पदक जीतने से भी बाल-बाल चूक गई थीं. वह दुनिया की उन पांच महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने प्रोडुनोवा वॉल्ट में महारत हासिल की है. दीपा ने रियो ओलंपिक 2016 में कमाल का प्रदर्शन किया था. हालांकि वह रियो ओलंपिक की वॉल्ट स्पर्धा में सिर्फ 0.15 अंक से ब्रॉन्ज मेडल से चूक गई थीं.
दीपा ने सोशल मीडिया पर किया भाावुक पोस्ट
दीपा करमाकर ने अपने अपने रिटारमेंट की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा. उन्होंने लिखा, “बहुत सोच-विचार और चिंतन के बाद, मैंने प्रतिस्पर्धी जिमनास्टिक से संन्यास लेने का फैसला किया है. यह कोई आसान फैसला नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि यह सही समय है,” उन्होंने कहा, “जब से मैं याद कर सकती हूं, जिमनास्टिक मेरे जीवन के केंद्र में रहा है, और मैं उतार-चढ़ाव और बीच की हर चीज के लिए और हर पल के लिए आभारी हूं.”
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ओलंपिक पदक से चूकीं
दीपा करमाकर पहली भारतीय महिला जिमनास्ट हैं. वह 1064 टोक्यो ओलंपिक के बाद से जिमनास्टिक में ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय भी थीं. वह 15.066 के कुल स्कोर के साथ वॉल्ट में चौथे स्थान पर रहीं और कांस्य पदक से चूक गईं. स्विटजरलैंड की गिउलिया स्टीनग्रुबर 15.216 के साथ तीसरे स्थान पर रहीं, जिसका मतलब था कि करमाकर सिर्फ़ 0.15 अंकों से कांस्य पदक से चूक गईं.
एशियाई चैंपियनशिप में पिछली जीत एक महत्वपूर्ण मोड़ थी
अक्टूबर 2021 में कर्माकर डोप टेस्ट में फेल हो गई थीं. इसके बाद उन्हें 21 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था. वह पिछले साल एक्शन में लौटीं और ताशकंद में 2024 एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने कहा कि यह जीत एक टर्निंग पॉइंट थी, क्योंकि उन्हें लगा कि वह अब अपने शरीर को और अधिक नहीं धकेल सकतीं. करमाकर ने कहा कि एशियाई चैंपियनशिप में मेरी आखिरी जीत एक टर्निंग पॉइंट थी. क्योंकि तब तक मुझे लगता था कि मैं अपने शरीर को धकेल सकती हूं, लेकिन कई बार ऐसा होता है जब शरीर आपको बताता है कि आराम करने का समय आ गया है.