Diabetes Medicine: भारत में महंगाई अपने चरम पर है, तो लूटबाजारी और मुनाफाखोरी भी कम नहीं है. महंगाई (Inflation) के इस दौर में खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर तो हैं ही, लेकिन बीमारियों में इलाज होने वाली दवाओं की कीमतें (Medicine Price) भी रोज नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. आलम यह है कि डायबिटीज (Diabetes) को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की कीमतें भी एक साल में बेतहाशा बढ़ गईं. हालांकि, कंपनी की ओर से उसकी वास्तविक कीमत (Actual Price) कुछ और निर्धारित की गई है, लेकिन दवा विक्रेता उसे अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर ग्राहकों को बेच रहे हैं. कंपनी की ओर से निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य के हिसाब से देखेंगे, तो डायबिटीज की एक दवा ग्लाइकोमेट-जीपी 0.5 फोर्ट (Glycomet-GP 0.5 Fort) सिर्फ 6 महीने के दौरान करीब 30 रुपये महंगी हो गई. इस दवा की कीमत में हुई बढ़ोतरी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आइए, भारत में डायबिटीज की दवाओं की असली कीमत क्या है और दवा विक्रेता वसूल कितना रहे हैं?
क्या यही महंगाई है?
सोशल मीडिया के प्रमुख मंच एक्स (पूर्व के ट्विटर) पर मुद्रिका नामक यूजर ने डायबिटीज की दवा ग्लाइकोमेट-जीपी 0.5 फोर्ट (Glycomet-GP 0.5 Fort) की कीमत में पिछले 9 महीने के दौरान हुई बढ़ोतरी को लेकर दो तस्वीरें पोस्ट की हैं. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘मेरे पिताजी दिसंबर 2023 में डायबिटीज का टैबलेट 52 रुपये में खरीदते थे. इसके बाद इसकी कीमत बढ़कर 58 रुपये और फिर 68 रुपये हो गई. अब कल ही उन्होंने इसे 82 रुपये में खरीदा है. कोई बता सकता है कि दिसंबर से लेकर अब तक कीमत कितने प्रतिशत बढ़ गई? क्या यही महंगाई है?’
भारत में डायबिटीज की प्रचलित दवाएं
भारत में डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आम तौर पर ग्लाइकोमेट-जीपी 0.5 फोर्ट (Glycomet-GP 0.5 Fort), मेटफॉर्मिन (Metformin), लिंगाग्लिप्टिन (Linagliptin) सल्फोनीलयूरियास (Sulfonylureas), डीपीपी-4 इनहिबिटर्स (DPP-4 Inhibitors), एसजीएलटी-2 इनहिबिटर्स (SGLT-2 Inhibitors), टीजेडीडी (Thiazolidinediones), जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1 Receptor Agonists), इंसुलिन (Insulin), अल्फा-ग्लूकोसिडेस इनहिबिटर्स (Alpha-Glucosidase Inhibitors) और मिग्लिटिनाइड्स (Meglitinides) का भी इस्तेमाल किया जाता है.
दवा का नाम | दवा की कीमत |
ग्लाइकोमेट-जीपी 0.5 फोर्ट (Glycomet-GP 0.5 Fort) | 64.04 रुपये से 78.10 रुपये प्रति स्ट्रिप |
मेटफॉर्मिन 500 एमजी (Metformin 500mg) | 10 से 20 रुपये प्रति स्ट्रिप |
लिराफिट (Lirafit) | 100 रुपये प्रति टैबलेट |
लिंगाग्लिप्टिन (Linagliptin) | 500 रुपये प्रति स्ट्रिप |
सल्फोनीलयूरियास (Sulfonylureas) 1 से 5 एमजी | 30 से 60 रुपये प्रति स्ट्रिप |
डीपीपी-4 इनहिबिटर्स (DPP-4 Inhibitors) | 27.75 रुपये प्रति टैबलेट |
टीजेडीडी 15एमजी (Thiazolidinediones 15mg) | 56 से 66 रुपये प्रति टैबलेट |
इंसुलिन (Insulin) | 125 और 147 रुपये प्रति इंजेक्शन (हैदराबाद) |
इंसुलिन (Insulin) | 16 रुपये प्रति इंजेक्शन (हैदराबाद को छोड़ पूरा भारत) |
अल्फा-ग्लूकोसिडेस इनहिबिटर्स (Alpha-Glucosidase Inhibitors) | 13.83 रुपये प्रति टैबलेट |
मिग्लिटिनाइड्स (Meglitinides) | 150 रुपये से 300 रुपये प्रति स्ट्रीप |
भारत में दवाओं पर कितना लगता है जीएसटी
सरकार की ओर से भारत में डायबिटीज की दवाओं पर जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) की दर 5% है. यह दर अधिकांश आवश्यक दवाओं पर लागू होती है, जिनमें डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं. दवाओं पर जीएसटी की सबसे कम दर को लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य इन दवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनका इनका कर सकें.
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ग्लाइकोमेट-जीपी 0.5 फोर्ट की असली कीमत क्या है?
ग्लाइकोमेट-जीपी 0.5 फोर्ट की उत्पादन लागत सीधे तौर पर आसानी से उपलब्ध नहीं होती है, क्योंकि यह जानकारी प्रायः गोपनीय होती है और निर्माताओं की ओर से साझा नहीं की जाती. फिर भी एक अनुमान के आधार पर बताया यह जाता है कि बाजार में इसके एक स्ट्रिप की कीमत 64.04 से 78.10 है, तो कच्चे माल की लागत, उत्पादन पर खर्च, पैकेजिंग और लेबलिंग, रिसर्च और डेवलमेंट के साथ बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट के हिसाब से इसकी वास्तविक कीमत 20 से 30 के आसपास हो सकती है.
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