Saturday, October 26, 2024
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Dhanteras 2024 Tips: धनतेरस पर जरूर कर लें ये काम, आर्थिक तंगी होगी दूर

Dhanteras 2024 Vastu Tips:  हिंदू धर्म में दिवाली का पर्व अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसे पांच दिनों तक चलने वाले उत्सव के रूप में जाना जाता है, जो धनतेरस से प्रारंभ होकर भाई दूज के दिन समाप्त होता है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा और पाठ करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.

लक्ष्मी की प्राप्ति और सुख-शांति, सौभाग्य-समृद्धि के लिए कुछ प्रभावी उपाय यंत्रों के माध्यम से घर में स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए धनतेरस और दीपावली के अवसर पर किए जा सकते हैं.

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अष्टधातु का कछुआ

अष्टधातु का कछुआ रखना अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि इस कछुए के ऊपर मेरू श्री यंत्र स्थापित किया गया हो, तो यह विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होता है. यह कछुआ पूरे परिवार की दीर्घायु और करियर के लिए भी अत्यंत शुभ होता है. इसे घर में रखने से यह हमें कई बीमारियों से भी बचाता है. मेरू श्री यंत्र लक्ष्मी की स्थायी प्राप्ति के लिए रखा जाता है, जिससे हमारा रुका हुआ धन भी वापस आ जाता है.

इसे रखने से होगा विशेष लाभ

लघु नारियल का आकार बहुत छोटा होता है और यह हजारों नारियलों में से केवल एक या दो ही मिलते हैं. दीपावली के दिन, लघु नारियल पर चंदन का तिलक करके, एक लक्ष्मी कौड़ी, पांच चिट्ठी कौड़ी और पांच गोमती चक्र के साथ लाल कपड़े में बांधकर दुकान के गले या खजाने में रखने से विशेष लाभ होता है.

स्फटिक और अष्टधातु से निर्मित श्री यंत्र का प्रभाव

सामान्य यंत्रों की तुलना में स्फटिक और अष्टधातु से निर्मित श्री यंत्र का प्रभाव कई हजार गुना अधिक होता है. लक्ष्मी की स्थायी प्राप्ति के लिए धन का आगमन होता है, लेकिन यह रुकता भी है. स्फटिक श्री यंत्र मणि के समान है. अष्टधातु और स्फटिक श्री यंत्र को एक से अधिक स्थानों पर, जैसे घर या प्रतिष्ठान में रखा जा सकता है. इन्हें दुकान के पूजा स्थान, लॉकर या गल्ले में भी स्थापित किया जा सकता है.

इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त करने के यंत्र

कुछ यंत्र ऐसे होते हैं जिनके दर्शन मात्र से व्यक्ति अपने इच्छित लक्ष्यों को प्राप्त कर लेता है. इस श्रेणी में श्री संपूर्ण वास्तु यंत्र शामिल है. श्री संपूर्ण वास्तु यंत्र में एक साथ 13 यंत्रों की शक्तियां समाहित हैं, क्योंकि ये तेरह यंत्र 24 कैरेट गोल्ड प्लेटिंग पर यंत्र विधि विधान, वास्तुकला और ज्योतिष विज्ञान के अनुसार तैयार किए गए हैं. यह यंत्र घर में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को दूर कर, कुछ ही दिनों में चमत्कारी प्रभाव उत्पन्न करता है.

क्रिस्टल से निर्मित लोटस है इसलिए विशेष

क्रिस्टल का लोटस लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. लक्ष्मी की अपार कृपा प्राप्त करने के लिए इसे घर के उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जा सकता है. जिस घर में क्रिस्टल का लोटस होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है. यह भी माना जाता है कि लक्ष्मी का निवास स्थान लोटस है. क्रिस्टल से निर्मित लोटस नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे लक्ष्मी की स्थायी प्राप्ति के लिए इसे घर या व्यवसाय स्थल पर अवश्य रखना चाहिए.

दीप जलाने का नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीप जलाने का नियम यह है कि दीपक की लौ घर के अंदर या बाहर जलाते समय उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए. यदि दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर जलती है, तो यह धन में वृद्धि करती है. वहीं, यदि लौ पश्चिम दिशा की ओर है, तो यह दुःख में वृद्धि करती है. यदि दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर जलती है, तो यह स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देती है.


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