Friday, November 22, 2024
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धनतेरस पर 13 दीया जलाने का क्या है लॉजिक? पूजा के बाद कहां-कहां दीपक रखना शुभ, पंडित जी से जानें सभी का महत्व

Dhanteras Significance of 13 Diyas: देश के कोने-कोने में दिवाली की धूम शुरू हो चुकी है. बाजार पूरी तरह भर चुके हैं और लोग खरीदारी के लिए निकल रहे हैं. यह दीपोत्सव लगातार 5 दिन चलता है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है. इस दिन लोग जमकर खरीदारी करते हैं. धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरी और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है. साथ ही, इस दिन 13 दीया जलाने का भी रिवाज है.

मान्यता है कि इस दिन दीप दान करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, धनतेरस के दिन किए जाने वाले दीप दान के भी कुछ खास नियम और महत्व भी होते हैं. अब सवाल कि आखिर धनतेरस पर 13 दीया क्यों जलाए जाते हैं? कौन सा दीया किस का क्या है महत्व? धनतेरस पर कहां-कहां जलाएं दीपक? इस बारे में News18 को बता रहे हैं प्रताप विहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद और वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-

धनतेरस 2024 की सही तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर होगी, त्रयोदशी तिथि का समापन बुधवार 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 17 मिनट पर होगा. इसी गोधूल काल में भगवान धनवंतरी की पूजा की जा सकती है. ऐसी स्थिति में धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा.

धन्वंतरी पूजा का शुभ मुहूर्त

राकेश चतुर्वेदी के मुताबिक, धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा की जाती है. ऐसे में धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत गोधूल काल में मंगलवार 29 अक्टूबर शाम 6 बजकर 31 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. इस तरह धनतेरस पर भगवान धन्वंतरी, गणेश और कुबेर जी की पूजा के लिए कुल 1 घंटा 41 मिनट का समय मिलेगा.

धनतेरस के दिन घर के किस कोने पर रखें कौन सा दीपक

पहला दीया: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, धनतेरस की शाम जब घर के सभी सदस्य लौटकर घर वापस आ जाएं तो घर के बाहर कचरे के पास दक्षिण की ओर मुंह करके पहला दीया जलाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्य अप्रत्याशित मौत के खतरे से दूर रहते हैं.

दूसरा दीया: दूसरा दीपक घी का जलाकर पूजाघर में रखना चाहिए. इस दीपक में थोड़ा सा केसर डालने से माना जाता है कि मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

तीसरा दीया: अपने परिवार को नजर दोष से बचाने और घर में प्यार और सौभाग्य को बढ़ाने के लिए तीसरा दीपक घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है.

चौथा दीया: धनतेरस के दिन चौथा दीपक घर की तुलसी के पौधे के पास रखें. ऐसा करने से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है.

पांचवां दीया: पांचवा दीपक घर की छत पर रखना चाहिए. ऐसा करने से सभी तरह के दौष दूर होते हैं. यह घर की सुरक्षा का प्रतीक है.

छठा दीया: धनतेरस का छठा दीपक सरसो के तेल का जलाना चाहिए. जिस पीपल के पेड़ के नीचे रखा जाता है. पीपल के पेड़ में माता लक्ष्मी का वास होता है. माना जाता है कि ऐसा करने से सेहत और पैसों से जुड़ी दिक्कतें खत्म होती हैं.

सातवां दीया: धनतेरस के दिन सातवां दीपक अपने घर के आसपास के किसी भी मंदिर में जाकर जलाना चाहिए.आठवां दीपक-आठवां दीया कूड़े के पास जलाना चाहिए.

नौवां दीया: घर के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए नौवां दीया अपने वॉशरूम के बाहर रखें.दसवां दीपक-धनतेरस के दिन ग्यारहवें दीये को खिड़की पर सजाएं.

ग्यारवां दीया: घर पर उत्सव का महौल और जश्न बने रहने के लिए ग्यारवां दीया घर की छत पर रखें.

बारहवां दीया: धनतेरस की रात बेल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.

तेरहवां दीया: तेरहवें दीये को अपने घर के चौराहे पर जलाएं.

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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Diwali festival


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