China Taiwan Conflict: चीन ने सोमवार को ताइवान और उसके बाहरी द्वीपों के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया, जिसमें युद्धक विमानों के साथ एक विमानवाहक पोत भी तैनात किया गया. ड्रैगन के इस कदम से ताइवान जलडमरूमध्य में तनावपूर्ण स्थिति बढ़ गई है. चीन ने सोमवार को ताइवान को निशाना बनाकर, चारों तरफ से घेर कर युद्धाभ्यास किया. इधर ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि चीन ने सैन्य अभ्यासों में एक दिन में रिकॉर्ड 125 सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया है. चीन की इस हरकत से ताइवान पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि चीन युद्धाभ्यास के बहाने ताइवान पर कब्जा करने की तैयारी कर रहा है.
चीन के युद्धाभ्यास में युद्धक विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन भी शामिल
उसने कहा कि ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में 90 विमान देखे गए, जिनमें युद्धक विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि चीन ने ताइवान की आजादी के खिलाफ चेतावनी के तौर पर सोमवार को बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास शुरू किए.
चीन ने कहा, ताइवान के राष्ट्रपति के भाषण की प्रतिक्रिया है युद्धाभ्यास
चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अभ्यास ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के बीजिंग की उन मांगों को मानने से इनकार करने की प्रतिक्रिया है कि ताइवान खुद को कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के तहत चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार करे. इन अभ्यासों से चार दिन पहले ताइवान ने अपने राष्ट्रीय दिवस पर अपनी सरकार की स्थापना का जश्न मनाया था जिसमें ताइवान के राष्ट्रपति ने कहा था कि चीन को ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने कब्जे या अतिक्रमण का विरोध करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की थी.
चीन की धमकी से निपटने के लिए तैयार ताइवान
ताइवान की सुरक्षा परिषद के महासचिव जोसेफ वू ने ताइपे में कहा, हमारी सेना चीन की धमकी से निश्चित तौर पर उचित तरीके से निपटेगी. अन्य देशों को बल प्रयोग कर धमकाना शांतिपूर्ण तरीके से विवादों को हल करने की संयुक्त राष्ट्र चार्टर की मूल भावना का उल्लंघन करता है. ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने चीन से ऐसे सैन्य उकसावे बंद करने का आह्वान किया जो क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को कमजोर करते हैं और उन्होंने ताइवान के लोकतंत्र एवं स्वतंत्रता को चुनौती देना बंद करने का भी आह्वान किया.
1949 में चीन से अलग हो गया था ताइवान
द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में चीन के साथ एकीकृत होने से पहले ताइवान एक जापानी उपनिवेश था. 1949 में यह उससे अलग हो गया जब माओ त्से तुंग के कम्युनिस्टों के चीन में सत्ता में आने के बाद उनके विरोधी च्यांग काई-शेक के समर्थक भागकर ताइवान आ गए.