Baby born in pitru paksha 2024: पितृ पक्ष का सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व है. मृत पूर्वजों की शांति और मोक्ष प्रदान के लिए पिंड दान, तर्पन और श्राद्ध कार्य किया जाता है. यह भाद्रपद माह की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक मनाया जाता है. इस वर्ष पितृपक्ष 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक रहेगा. मान्यता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य जैसे शादी-ब्याह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं. ऐसी स्थिति में तब क्या हो जब घर में पितृ पक्ष के दौरान किसी बच्चे का जन्म हो? क्योंकि एक बच्चे का जन्म लेने से बड़ा शुभ और खुशी वाली बात कोई और नहीं होगी. ऐसे शिशु का भविष्य कैसा होगा? क्या वह भाग्यशाली होगा, उसे पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होगा या फिर झेलनी पड़ सकती है जीवन भर नारजगी? जानते हैं यहां…
क्या भाग्यशाली होते हैं पितृपक्ष में जन्मे बच्चे?
पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान घर में कोई बच्चा जन्म लेता है तो वह अशुभ नहीं बेहद ही शुभ बात होती है. वह शिशु भाग्य का धनी होता है. वह बेहद ही भाग्यवान होता है. ऐसे बच्चों पर पितरों की विशेष कृपा सदा बनी रहती है. ऐसा भी कहा जाता है कि ये शिशु अपने कुल के पूर्वज ही होते हैं. परिवार में खुशियां आने का ये कारण बनते हैं. इनका भविष्य उज्ज्वल होता है. जिस क्षेत्र से जुड़ते हैं, उसमें नाम कमाते हैं.
स्वभाव से कैसे होते हैं पितृपक्ष में जन्मे शिशु
पंडित इंद्रमणि घनस्याल का कहना है कि पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चों का स्वभाव बहुत ही खुशमिजाज होता है. वे रचनात्मक होते हैं. परिवार से इनका स्नेह, लगाव, प्यार बहुत अधिक होता है. सकारात्मक सोच रखते हैं. सही निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं. संभवत: कम उम्र में ये जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं.
कुंडली में कमजोर चंद्रमा
हालांकि, ऐसे बच्चे की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, जिसे कुछ उपायों को करके चंद्रमा को मजबूत किया जा सकता है. ऐसा नहीं करने से उनके जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं. तनाव, अवसाद भी झेलना पड़ सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 18:42 IST