Chikungunya : चिकनगुनिया एक वायरस संक्रमण से होने वाली बीमारी है जो मच्छरों द्वारा फैलते हैं. चिकनगुनिया भी एडीज एल्बोपिकटस नामक मच्छर के द्वारा फैलता है. चिकनगुनिया सबसे पहले तंजानिया देश में 1952 में पहचाना गया था, इसके बाद थाईलैंड के शहरी इलाकों में 1967 और भारत में 1970 में देखा गया. आधुनिक समय में चिकनगुनिया 110 से ज्यादा एशिया अफ्रीका और यूरोप, अमेरिका के देशों में देखा गया है.
चिकनगुनिया वायरस एडीज और एडीज एल्बोपिकटस मच्छरों द्वारा फैलता है. बता दे की, डेंगू और जीका वायरस के फैलने के लिए भी यही मच्छर जिम्मेदार होते हैं और यह मच्छर मुख्य रूप से दिन के समय में निकलते हैं यह मच्छर अपने अंडे रुके हुए पानी में देते हैं.
इसीलिए बारिश के मौसम में पानी रोकने से बचना चाहिए कोई व्यक्ति को जिसे चिकनगुनिया है उसे अगर यह मच्छर काटते हैं तो तो यह मच्छर भी संक्रमित हो जाते हैं. इसके बाद यह मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटते हैं तो यह संक्रमण उनमे भी फैला देते हैं और यही प्रक्रिया दोहराते रहते हैं.
जिसकी वजह से मच्छरों में वायरस का कान्सन्ट्रैशन ज्यादा बढ़ने के बाद यह दूसरे मच्छरों को भी संक्रमित करने की क्षमता रखते हैं, और इसी वजह से चिकनगुनिया का संक्रमण तेजी से फैलता है. मच्छरों के काटने के बाद चिकनगुनिया के लक्षण चार से आठ दिनों में दिखने लगते हैं.
Chikungunya Symptoms : चिकनगुनिया के लक्षण
- जोड़ों में तेज दर्द
- जोड़ों में सूजन
- मांसपेशियों में दर्द
- सर में दर्द
- जुकाम, बुखार
- शरीर पर चकत्ते पड़ना
चिकनगुनिया के लक्षण काफी हद तक डेंगू और जिका वायरस के संक्रमण के लक्षणों से मिलते हैं, इसीलिए कभी-कभी इनकी पहचान करना मुश्किल होता है अगर जोड़ों में दर्द नहीं है तो तो चिकनगुनिया की पहचान करना काफी मुश्किल होता है.
बहुत सी स्थितियों में मरीज इस संक्रमण से उबर जाते हैं, लेकिन कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे की आंखों की समस्या, हृदय रोग और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होने पर इसका इन्फेक्शन काफी खतरनाक साबित हो सकता है. नवजात शिशु और बुजुर्गों के लिए यह काफी गंभीर हो सकता है और यह जानलेवा भी होता है.
Chikungunya Prevention and Cure : कैसे करें चिकनगुनिया से बचाव?
- मच्छरों के काटने से अपना बचाव करें अगर आपको चिकनगुनिया के लक्षण नजर आ रहे हैं तो बिल्कुल भी मच्छरों के संपर्क में ना आए ताकि दूसरे लोगों में यह खतरा न पैदा हो.
- अपने आसपास की जगह पर सफाई रखें बारिश का पानी जमा न होने दे ऑन को पनपना से रोके इसके लिए केमिकल का छिड़काव करवा सकते हैं.
- मच्छरों से अपना बचाव करने के लिए क्रीम अगरबत्ती और बिजली से चलने वाले मॉस्किटो रेपेलेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं बाहर निकलते वक्त फुल आस्तीन के कपड़े पहने खास करके बच्चों के लिए यह बेहद जरूरी है और गंदी जगह पर खेलने से बच्चों को रोकें.
- किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पे तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य सेवा केंद्र से संपर्क करें, और जांच करवाएं. इससे आने वाले खतरा टलेगा और आपकी वजह से आपके परिवार और पड़ोस में ये बीमारी फैलने की आशंका काम होगी.
- बीमारी होने पर, दवा और इलाज के साथ अपने खान पान का भी ध्यान रखन चाहिए, यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़त है और आपके शरीर को इस गंभीर संक्रमण से लड़ने की ऊर्जा के लिए जरूरी होता है.