Chhath Puja 2024: छठ पूजा का पर्व विशेष रूप से सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है. यह पूजा एक या दो दिन नहीं, बल्कि चार दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं. इस व्रत में षष्ठी माता की पूजा की जाती है, इसलिए इसे छठ व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
छठ पूजा की तिथि
दिवाली के छह दिन बाद छठी मैया की पूजा का आयोजन किया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 7 नवंबर की रात 12 बजकर 41 मिनट पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि प्रारंभ होगी. इसका समापन 8 नवंबर की रात 12 बजे होगा. इसका तात्पर्य है कि 7 नवंबर से छठ महापर्व की शुरुआत होगी. इस दिन आप संध्या के समय अर्घ्य अर्पित करेंगे, जबकि सुबह का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा.
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छठी मैया कौन हैं ?
मार्कण्डेय पुराण में वर्णित है कि जब ब्रह्मा जी ने पृथ्वी का निर्माण आरंभ किया, तब उन्होंने प्रकृति का भी निर्माण किया. इसके पश्चात देवी प्रकृति माता ने स्वयं को छह रूपों में विभाजित किया. इनमें से छठा अंश छठी मैया के रूप में प्रतिष्ठित हुआ. इसी प्रकार, छठी मैया को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप में भी जाना जाता है. बच्चे के जन्म के छठे दिन देवी के इस स्वरूप की पूजा की जाती है, जिससे बालक को अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है.