Champa Shashti 2024: अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को चंपा षष्ठी का व्रत आयोजित किया जाता है. यह दिन भगवान शिव और उनके पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है. विशेष रूप से, यह उत्सव महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भगवान खंडोबा की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि भगवान खंडोबा भी भोलेनाथ के अवतार माने जाते हैं.
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चंपा षष्ठी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं बैंगन
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक दुःख हैं और उसने अनेक उपाय किए हैं, फिर भी कष्टों का अंत नहीं हो रहा है, तो यहां कुछ उपाय प्रस्तुत किए जा रहे हैं. यदि इन्हें सच्चे मन से किया जाए, तो सभी दुःख और पीड़ा समाप्त हो सकते हैं. शिवलिंग पर बेलपत्र, बैंगन और बाजरा चढ़ाने के बाद, हाथ जोड़कर सच्चे दिल से घर की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें. शिव मंदिर में भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए. यदि पंचामृत से अभिषेक संभव न हो, तो पानी के लौटे में एक चुटकी काले तिल डालकर अभिषेक करें. इस प्रकार के अभिषेक से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. सुबह और शाम को शिवमहिम्न स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ अवश्य करें. ऐसा करने से लंबे समय से चल रही बीमारियाँ भोलेनाथ के आशीर्वाद से अपने आप दूर हो जाएंगी.
चंपा षष्ठी का महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव के योद्धा अवतार भगवान खंडोबा की पूजा की जाती है. यह त्यौहार दुष्ट राक्षसों, मल्ला और माली पर भगवान खंडोबा की जीत का प्रतीक है, और लोग सभी बुरी शक्तियों से सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं. ग्रामीण महाराष्ट्र और कर्नाटक में, भगवान खंडोबा को किसानों, शिकारियों और योद्धाओं के भगवान के रूप में देखा जाता है.