Friday, November 15, 2024
HomeWorldCanada: भारत पर हमला, निशाने पर हिंदू समुदाय, खालिस्तानी वोट के लिए...

Canada: भारत पर हमला, निशाने पर हिंदू समुदाय, खालिस्तानी वोट के लिए जस्टिन ट्रूडो की साजिश

Canada News: भारत ने कनाडा से अपने छह राजदूतों को वापस बुला लिया है, जिससे कनाडा में भारतीय राजनयिकों की संख्या घटकर 9 रह जाएगी. यह कदम जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकवादियों और उपद्रवियों का समर्थन करने के कारण लिया गया है. ट्रूडो की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. कनाडा के प्रधानमंत्री, खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन के लिए, कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

18 जून 2023 को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद, ट्रूडो ने भारत पर निशाना साधने के लिए कनाडा की अन्य राजनीतिक पार्टियों से समर्थन मांगने की कोशिश की है. इसके अलावा, उन्होंने भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों में बिगड़ावट पर फाइव आईज एलायंस को जानकारी देकर पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल करने का प्रयास भी किया है. भारत और कनाडा के बीच इस तनाव को बढ़ाने में पाकिस्तान और नेशनल काउंसिल ऑफ कैनेडियन मुस्लिम्स भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: Omar Abdullah: आज जम्मू-कश्मीर के CM पद की शपथ लेंगे उमर अब्दुल्ला, विपक्ष के ये नेता हो सकते हैं शामिल

अपने राजनीतिक हितों के लिए ट्रूडो भारत पर हमले कर रहे हैं

कनाडा की राजनीति से जुड़े जानकारों का मानना है कि जस्टिन ट्रूडो अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत को दोषी ठहराने के लिए विदेशी हस्तक्षेप आयोग और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) का सहारा ले सकते हैं. एक वरिष्ठ राजनयिक ने सवाल उठाया, “अगर निज्जर की हत्या का मामला इतना स्पष्ट है, तो अब तक रॉयल माउंटेड कैनेडियन पुलिस ने चार्जशीट क्यों नहीं दायर की? कनाडाई सरकार ने भारतीय एजेंटों को हत्या से जोड़ने वाले सबूत क्यों नहीं दिए?”

यह साफ है कि ट्रूडो कनाडा में खालिस्तानी वोट बैंक हासिल करने के लिए प्रतिबंधित संगठन एसएफजे के वकीलों के बयानों का इस्तेमाल करके भारत को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं. जांच प्रक्रिया में किसी भी विरोधी संगठन को सार्वजनिक सुनवाई में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी. ट्रूडो को सुरक्षा मंत्री की गवाही के एक दिन बाद 16 अक्टूबर को विदेशी हस्तक्षेप आयोग के सामने पेश होना है. एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने इसे “एकतरफा और दिखावटी जांच” करार देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य भारत और उसकी सरकार को बदनाम करना है.

इसे भी पढ़ें: मस्जिद के भीतर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाना गुनाह नहीं- कर्नाटक हाई कोर्ट

18 सितंबर को, चरमपंथी सिख समुदाय के वोट हासिल करने के लिए ट्रूडो ने कनाडाई संसद में भारत पर आरोप लगाए. अगला कदम यह हो सकता है कि निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार सिख युवकों में से एक को सरकारी गवाह बनाकर उसके बयान का इस्तेमाल भारत को दोषी ठहराने के लिए किया जाए. इसके अलावा, ट्रूडो भारत पर कनाडा की चुनावी प्रक्रिया में विदेशी हस्तक्षेप का आरोप लगाना चाहते हैं. हालांकि, भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास इस बात के सबूत हैं कि दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग और चंडीगढ़ स्थित वाणिज्य दूतावास के अधिकारी गुप्त रूप से भारतीय सत्तारूढ़ दल के साथ संपर्क में थे. कनाडाई अधिकारी पंजाब में सिख समुदाय को कट्टरपंथी बनाने, किसान आंदोलन को भड़काने और मोदी सरकार के खिलाफ मानवाधिकारों से जुड़ी झूठी कहानियां फैलाने की कोशिश कर रहे थे.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular