Bull and Bear: अक्सरहां, आपने शेयर बाजार की तस्वीरों में सांड और भालू को देखा होगा. लेकिन, क्या आपको इस बात की जानकारी है कि आखिर इन दोनों जानवरों का शेयर बाजार के साथ क्या संबंध है. इन दोनों की बाजार को बढ़ाने और डूबाने में कितनी भूमिका होती है? आपको बता दें कि सांड और भालू का शेयर बाजार से अटूट नाता है. सांड को बुल (Bull) और भालू को बियर (Bear) कहा जाता है. शेयर बाजार का सांड यानी बुल निवेशकों को मालामाल बना देता है, जबकि भालू यानी बियर उन्हें कंगाल बना देता है. आइए, जानते हैं कि ये दोनों निवेशकों को मालामाल और कंगाल कैसे बनाते हैं?
बुल और बियर बाजार
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुल और बियर बाजार का एक टर्म है. ये दोनों टर्म बाजार में व्यापक तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं. इसका इस्तेमाल शेयर बाजार की धारणा और दिशा या चाल के लिए व्याख्या के लिए किया जाता है. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि जब कोई निवेशक बाजार में पैसा लगाने का फैसला करता है, तब वह बाजार की चाल को समझने की कोशिश करता है. वह पैसा लगाने से पहले बाजार की तेजी और सुस्ती को समझता है. इसके बाद किसी कंपनी के शेयर में पैसा फंसाता है.
बुल बाजार में निवेशक होते हैं मालामाल
बुल बाजार में तेजी का द्योतक है और बुल गिरावट का संकेत. बुल बाजार की एक ऐसी स्थिति है, जिसमें प्रतिभूतियों यानी सिक्योरिटीज की कीमतों में तेजी देखी जाती है या फिर फिर बढ़ने की संभावना रहती है. बढ़ते शेयर बाजार में निवेशकों की सोच सकारात्मक यानी पॉजिटिव होती है और भावना में उत्साह दिखाई देता है. बुल बाजार का बुल मार्केट का नामकरण पशु बुल यानी सांड़ से लिया गया है. सांड़ अपने सींगों को हवा में उछालकर अपने शिकार पर हमला करता है. इसी तरह, बुल बाजार में शेयर की कीमतें लगभग आसमान छूती हुई दिखाई देती हैं, जिससे निवेशकों को अविश्वसनीय रिटर्न मिल सकता है. बुल मार्केट का दौर आम तौर पर थोड़े समय के लिए रहता है.
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निवेशकों को कंगाल बना देता है बियर
बियर बाजार में गिरावट का द्योतक है. यह बाजार की एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शेयरों की कीमतें तेजी से गिरने लगती हैं. बाजार में गिरावट का रुख कुछ समय तक जारी रहने की संभावना होती है. इससे पता चलता है कि बाजार में काफी अनिश्चितता है और निवेशकों की भावना यानी सेंटीमेंट निराशावादी यानी निगेटिव या नकारात्मक हो जाती है. बियर बाजार शब्द की प्रेरणा पशु भालू से ली गई है. इसका कारण यह है कि भालू शिकार पर हमला करने के लिए अपना पंजा नीचे की ओर घुमाता है, जो गिरावट का संकेत देता है.
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