Thursday, December 19, 2024
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कब है जुलाई का पहला प्रदोष व्रत? किस समय करें पूजा और रुद्राभिषेक? नोट कर लें तारीख, मुहूर्त

जुलाई 2024 का प्रारंभ होने वाला है. इस समय आषाढ़ माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है. आषाढ़ और जुलाई दोनों माह का पहला प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. उस दिन बुधवार होने के कारण यह बुध प्रदोष व्रत होगा. इस प्रदोष व्रत को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है, जिसमें व्रत, पूजा-पाठ या अन्य शुभ कार्यों को करना सफलदायक होता है. प्रदोष के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं, उनकी कृपा से भक्तों के दुख और सभी प्रकार के दोरूा दूर हो जाते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि जुलाई का पहला प्रदोष व्रत कब है? प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त और रुद्राभिषेक का समय क्या है?

कब है प्रदोष व्रत 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मा​ह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ति​थि का शुभारंभ 3 जुलाई को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से होगा. यह तिथि 4 जुलाई को सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर खत्म होगी. प्रदोष मुहूर्त के आधार पर देखा जाए तो प्रदोष व्रत 3 जुलाई बुधवार को होगा.

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सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रदोष व्रत
बुध प्रदोष व्रत वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है, जो पूरे दिन रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग यानी वह योग जिसमें आप जो भी कार्य करते हैं, वह सफल सिद्ध होता है. उस दिन रोहिणी नचक्ष सुबह से लेकर अगले दिन 04:07 ए एम तक है.

प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
जो लोग बुध प्रदोष का व्रत रखेंगे, वे 3 जुलाई को शाम 7 बजकर 23 मिनट से रात 9 बजकर 24 मिनट के बीच कभी भी भगवान शिव की पूजा विधि विधान से कर सकते हैं. बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंटे तक है.

प्रदोष व्रत 2024 रुद्राभिषेक का समय
रुद्राभिषेक करने के लिए प्रदोष और शिवरात्रि का पर्व बहुत ही अच्छा माना जाता है. यदि ये दोनों पर्व नहीं हैं तो आप सोमवार को जब शिववास हो तो उस समय कर सकते हैं. इसके अलावा आप सावन में किसी भी दिन रुद्राभिषेक कर सकते हैं क्योंकि सावन शिव जी की प्रिय मास है.

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3 जुलाई को प्रदोष व्रत के दिन शिववास नन्दी पर प्रात:काल से लेकर सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक है, उसके बाद शिववास भोजन में है. प्रदोष वाले दिन आप रुद्राभिषेक सूर्योदय के बाद से कर सकते हैं. रुद्राभिषेक के लिए सामग्री का प्रबंधन एक दिन पहले ही कर लेना उचित रहेगा.

प्रदोष व्रत का महत्व
हर माह में दो बार प्रदोष व्रत आता है. इसमें उपवास रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. रोग और दोष मिट जाते हैं. शिव कृपा से निर्धन भी धनवान हो जाता है. उसके पास सुख और सुविधाओं की कोई कमी नहीं रह जाती है.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion


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