Sunday, October 20, 2024
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Pradosh Vrat 2024 की पूजा विधि और उपाय जानें यहां

Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. इसका पालन प्रत्येक महीने दो बार किया जाता है – एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनचाही वरदान देते हैं. इस वर्ष 19 जून, बुधवार को पड़ने वाले बुध प्रदोष व्रत के अवसर पर आप भगवान शिव की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा और कुछ सरल उपाय अपना सकते हैं.

बुध प्रदोष व्रत 19 जून को

बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इसका आरंभ 19 जून को सुबह 7 बजकर 29 मिनट से होगा और 20 जून को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो जाएगी.इस समय प्रदोष काल में पूजा करना उत्तम फलदायी रहेगा.

विधि-विधान से करें प्रदोष पूजा

प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद संकल्प लें कि आप प्रदोष व्रत का पालन करेंगे. फिर अपने पूजा स्थल को साफ करें और वहां भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी की प्रतिमा स्थापित करें. इन मूर्तियों को पंचामृत, गंगाजल, दूध, दही, घी और शहद से स्नान कराएं. इसके बाद बेल पत्र, धतूरा, फूल, फल और मिठाई आदि अर्पित करें.

पूजा में आठ दिशाओं में आठ दीप जलाएं और भगवान शिव को शक्कर और घी से बनी जौ की खीर का भोग लगाएं. इसके पश्चात भगवान शिव की आरती करें और प्रदोष व्रत की कथा का श्रवण करें. अंत में दान-पुण्य कर के जरूरतमंदों की सहायता करें. यदि आप पूरे दिन उपवास नहीं रख पा रहे हैं तो सूर्यास्त के बाद सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत का पारायण कर सकते हैं.

सरल उपायों से पाएं शिव कृपा

प्रदोष व्रत के साथ कुछ सरल उपाय करने से आप भगवान शिव की कृपा को और अधिक प्राप्त कर सकते हैं.

शिव मंत्र का जाप: प्रदोष व्रत के दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें. इस मंत्र का निरंतर जाप करने से मन को शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
नियमित बेलपत्र चढ़ाएं: भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय हैं. इसलिए प्रदोष व्रत ही नहीं, बल्कि नियमित रूप से भी भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें.
दान का महत्व: दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान का आशीर्वाद मिलता है. प्रदोष व्रत के दिन अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें.
सत्य और सदाचार का पालन: सत्य बोलें और सदैव सत्य का मार्ग अपनाएं. क्रोध और लोभ जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें. इस तरह सकारात्मक जीवनशैली अपनाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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